महाराष्ट्र में सोलापुर के वाशिम्बे गांव के एक युवा सिविल इंजीनियर अभिजीत पाटिल पूरे देश के युवाओं के लिए सफलता की मिसाल बन गए हैं. उन्होंने साबित किया है कि कैसे आधुनिक कृषि पद्धतियों का इस्तेमाल करके खेती में अच्छा मुनाफा हो सकता है. पढ़ाई के बाद पाटिल ने नौकरी के बजाय खेती करने का फैसला किया और दिन-रात मेहनत करके उन्होंने चार एकड़ में 'लाल केले' की खेती की जिससे उन्हें ₹35 लाख की आय हुई.
2015 से कर रहे हैं खेती
डीवाई पाटिल कॉलेज, पुणे में सिविल इंजीनियरिंग में अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद, अभिजीत ने 2015 में कृषि में अपना करियर शुरू करने का साहसिक विकल्प चुना. पिछले सात-आठ सालों में, उन्होंने खेती में नए-नए प्रयोग करके अपने कौशल को निखारा है. दिसंबर 2020 में, पाटिल ने अपनी चार एकड़ जमीन पर लाल केला लगाकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया.
धैर्य और दृढ़ता के साथ, उन्होंने जनवरी 2022 तक फसल की देखभाल की. जब उन्होंने उपज की कटाई शुरू की तो अपनी मार्केटिंग स्किल्स का प्रयोग करके अपनी फसल को सामान्य मंडी में बेचने की बजाय पुणे, मुंबई और दिल्ली में रिलायंस और टाटा मॉल सहित प्रमुख रिटेल चेन्स को सप्लाई किया.
हुई 35 लाख रुपए की कमाई
पाटिल के लिए लाल केले का बाज़ार असाधारण रूप से अनुकूल रहा है, जिसकी कीमतें ₹55 से ₹60 प्रति किलोग्राम के बीच हैं. पाटिल के चार एकड़ खेत में 60 टन लाल केले की शानदार पैदावार हुई, जिसके परिणामस्वरूप खर्चों के हिसाब के बाद ₹35 लाख की कमाई हुई.
अपने औषधीय गुणों और उच्च पोषण मूल्य के लिए जाने जाने वाले लाल केले ने मेट्रो शहरों में हाई-क्लास के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की है. इसके अतिरिक्त, लक्जरी होटलों में इसकी काफी ज्यादा मांग है. अपनी सफलता से उत्साहित होकर, पाटिल ने इस लाभदायक फसल की अपार संभावनाओं को पहचानते हुए, इस साल और ज्यादा जमीन पर लाल केले की खेती करने का फैसला किया है.