महिलाओं की आत्मरक्षा के लिए यूपी के रहने वाले व्यक्ति ने बना दिया बंदूक वाला पर्स...इयररिंग्स में होगा इमरजेंसी कॉलिंग फीचर

यूपी के रहने वाले श्याम चौरसिया ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक किट डिजाइन की है. इसमें बंदूर वाला पर्स, सैंडल और ईयररिंग्स हैं. अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (AKTU) का इनोवेशन हब चौरसिया को उत्पाद को बाजार में लॉन्च करने में मदद कर रहा है.

gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST
  • महिला की तुरंत मदद करेगा
  • हैंडबैग पर एक छोटा लाल बटन शॉट फायर करता है

महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों ने उन्हें हमेशा बिना किसी डर के जीने से रोका है. सात बजे के बाद सड़क पर चलने से लेकर दिन में व्यस्त बस में अकेले सफर करने तक महिलाएं दो बार सोचने पर मजबूर हो जाती हैं. समाज में महिलाओं के सामने आने वाली इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए, एक पुरुष ने कदम बढ़ाने और समाधान प्रदान करने का फैसला किया.

उत्तर प्रदेश के एक श्याम चौरसिया नाम के व्यक्ति ने महिलाओं के लिए एक आत्मरक्षा किट डिजाइन करने के लिए अपनी रचनात्मकता और कौशल का उपयोग किया है. इस किट में एक पर्स, सैंडल और झुमके हैं. ये वस्तुएं मुसीबत में फंसी महिला को तुरंत मदद लेने में सक्षम बनाती हैं. चौरसिया द्वारा डिजाइन किए गए पर्स को "स्मार्ट पर्स गन" कहा जाता है. हालांकि यह एक नियमित बंदूक की तरह दिखता है. हैंडबैग पर एक छोटा लाल बटन शॉट फायर करता है. बंदूक की गोली आपको आसपास के अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित करने में मदद करेगी. उपयोग की जाने वाली गोलियां खाली गोलियां हैं.

क्या-क्या है फीचर
किट में अगला आइटम "स्मार्ट एंटी-रेप सैंडल" है. ब्लूटूथ सुविधा को छोड़कर, सैंडल हैंडबैग के समान ही हैं. इयररिंग्स की बात करें तो इसमें इमरजेंसी कॉल फीचर के साथ जीपीएस ट्रैकिंग मैकेनिज्म है.किट में अगला आइटम "स्मार्ट एंटी-रेप सैंडल" है. ब्लूटूथ सुविधा को छोड़कर, सैंडल हैंडबैग के समान ही हैं. इयररिंग्स की बात करें तो इसमें इमरजेंसी कॉल फीचर के साथ जीपीएस ट्रैकिंग मैकेनिज्म है.अपने इस इनोवेशन पर बात करते हुए, चौरसिया ने कहा कि महिलाओं के सामने दैनिक आधार पर आने वाली चुनौतियों ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वो ऐसा कुछ बनाएं.

उन्होंने दावा किया कि डिवाइसेज अभी भी अपने डेवलेपमेंट फेज में हैं. उन्होंने कहा कि किट की कीमत 2497 रुपये है. इसे चार्ज करने के बाद पूरे दो सप्ताह तक इस्तेमाल किया जा सकता है. अब्दुल कलाम विश्वविद्यालय (AKTU) का इनोवेशन हब चौरसिया को उत्पाद को बाजार में लॉन्च करने में मदद कर रहा है.

 

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