आम यानी फलों का राजा, आम सभी का पसंदीदा फल होता है. वैसे तो ये फल ज्यादातर गर्मियों में ही मिलता है, पर कई शहरों में आप इसे हर मौसम में पाएंगे. हालांकि गर्मी के अलावा दूसरे मौसमों में इसके दाम आसमान छूते हैं. आज तक आपने आम के काफी महंगे दाम सुने होंगे, लेकिन आम के जो भाव हम आपको बताने जा रहे हैं, शायद उससे ज्यादा नहीं. पुणे में आम के एक पेटी की कीमत 31 हजार रुपए पहुंच गई है.
एक पेटी आम की कीमत 31 हजार रुपए
पुणे के एक बाजार में एक नीलामी के दौरान आम की एक पेटी की कीमत 31 हजार रुपए चुकाई गई. इसी बाजार के एक व्यापारी ने एएनआई के हवाले से बताया कि यह 50 वर्षों में "सबसे महंगी" खरीद थी. दरअसल 11 फरवरी को हापुस आम का पहला डिब्बा महाराष्ट्र के देवगढ़ से पुणे के एपीएमसी बाजार पहुंचा. आम के इस टोकरे को बेचने के लिए एक नीलामी आयोजित की गई थी, जिसकी बोली 5,000 रुपये से शुरू होकर 31,000 रुपये तक थी.
50 सालों की सबसे महंगी बोली
बाजार के ही एक व्यापारी युवराज काची के मुताबिक, बाजार में सबसे पहले जो आम की पेटी पहुंची. उसकी बोली 18,000 रुपये थी. दूसरी पेटी 21,000 रुपये में और तीसरा और चौथा 22,500 रुपये में बिका. वहीं पांचवीं पेटी 31,000 रुपये में बिकी. काची की मानें तो पिछले 50 सालों में ये सबसे महंगी बोली है.
प्रथा के तौर पर होती है आमों की नीलामी
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इन आमों की बोली क्यों लग रही है. इसका जवाब काची ने दिया, काची ने कहा कि ये सीजन के शुरुआती आम थे, और उन्हें एक प्रथा के रूप में नीलाम किया गया क्योंकि यह अगले दो महीनों के लिए व्यापार के भाग्य का फैसला करता है. काची ने आगे बताया कि कोरोना महामारी के कारण कारोबार दो साल से ठप पड़ा था. अब चीजें फिर से पटरी पर आ रही हैं, तो व्यापारी जल्द से जल्द फिर से काम शुरू करना चाहते हैं. एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो में ये साफ दिख रहा है कि कैसे आम की पेटी पर हार चढ़ाया गया है.
इससे पहले भी बिक चुके हैं महंगे आम
आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब आम इतना महंगा बिका है. पिछले साल महामारी के दौरान, एक मुंबई के बिजनेसमैन ने 10 हजार के 12 आम खरीदे थे. दरअसल हुआ यूं कि जमशेदपुर की 11 साल कि तुलसी कुमारी को कोरोना लॉकडाउन में पढ़ने में दिक्कत हो रही थी, क्योंकि उसके पास स्मार्टफोन नहीं था. तो उसने मजबूरी में आम बेचना शुरू कर दिया. एक दिन मुंबई के व्यवसायी अमेया हेटे कि नजर उस पर पड़ी. तो उन्होंने पूरा मामला जानने के बाद उस बच्ची से 10-10 हजार रुपये में 12 आम खरीदे और लड़की के पिता के खाते में 1,20,000 रुपये जमा किए. इन पैसों से तुलसी ने अपनी आगे पढ़ाई पूरी की, और स्मार्टफोन भी खरीदा.