Carbon Neutrality in Kerala Villages: सोलर ऊर्जा से लेकर हरियाली तक, कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने के मिशन पर है यह गांव

केरल का यह गांव कार्बन न्यूट्रैलिटी की तरफ कदम बढ़ा रहा है. नेट जीरो बनने के लिए ग्राम पंचायत लगातार प्रयास कर रही है.

Manikkal Gram Panchayat (Photo: Kerala Villages Portal)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 2:27 PM IST

केरल के तिरुवनंतपुरम में मणिक्कल गांव कार्बन न्यूट्रल का दर्जा हासिल करने के मिशन पर है. यह राज्य के उन 60 गांवों में से एक है, जिन्हें 2050 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुना गया है. केरल सरकार का हरित केरलम मिशन ऑडिट कर रहा है कि कार्बन उत्सर्जन और उसे बेअसर करने के लिए पंचायत को ऑक्सीजन की कितनी जरूरत पड़ेगी. 

मणिक्कल ग्राम पंचायत के अध्यक्ष, कुथिरकुलम जयन ने पीटीआई को बताया कि हमारी राज्य सरकार ने घोषणा की है कि केरल 2050 तक कार्बन न्यूट्रल हो जाएगा और इसके लिए प्रयास शुरू हो चुके हैं. इसके एक हिस्से के रूप में लगभग 60 पंचायतों को पायलट परियोजना शुरू करने के लिए चुना गया है. 

तिरुवनंतपुरम में छह पंचायतें हैं और मणिक्कल उनमें से एक है. इसलिए सरकार के निर्देशों के अनुसार, हरित केरलम मिशन और स्वच्छ केरल मिशन ने स्पष्ट योजना दी है और इसे लागू किया जा रहा है. 

हरियाली को दिया जा रहा है बढ़ावा
मणिक्कल ग्राम पंचायत ने उत्सर्जन दर कम करने और ऑक्सीजन को बढ़ाने के मकसद से कई परियोजनाओं के साथ कार्बन न्यूट्रैलिटी हासिल करने की दिशा में लंबा सफर तय किया है. इसमें जैविक खेती और जंगलों को बढ़ावा देकर पंचायत की सारी बंजर जमीन पर हरियाली उगाना शामिल है.

जल संरक्षण में सुधार के लिए पंचायत की सभी नदियों, नालों और जल निकायों को भी साफ किया गया है. इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई के लिए भी किया जाता है. जयन ने बताया कि कमल की खेती को बढ़ावा देने के लिए दलदली जमीन में बदलाव किया जा रहा है. ये अच्छा रेवेन्यू पैदा कर रहा है और इस परियोजना के साथ मनरेगा श्रमिकों को जोड़ा है. 

महिला-बहुल ग्राम पंचायत 
लेखा कुमारी, उपाध्यक्ष, मणिक्कल पंचायत ने कहा कि हमारी महिला-बहुल पंचायत है, जिसमें 21 वार्ड सदस्यों में से 11 महिलाएं हैं और हमारा कुदुंबश्री (महिला स्वयं सहायता समूह) परियोजनाओं में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है. इन कोशिशों की बदौलत इलाके में धान की खेती फिर से होने लगी है।

सरकारी इमारतों पर सौर पैनल और सभी स्ट्रीट लाइटों में एलईडी बल्ब भी लगाए गए हैं. पंचायत प्लास्टिक से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करते हुए हर महीने लगभग 13 हजार किलोग्राम प्लास्टिक जमा करती है. 

 

Read more!

RECOMMENDED