Auto Kannadiga: बेंगलुरु में हिन्दी बोलने वालों को आसानी से कन्नड़ सिखा रहा यह ऑटो ड्राइवर, जानिए कौन हैं अज्ज़ू सुल्तान तो इंटरनेट पर हुए वायरल

हाल के दिनों में गैर-कन्नड़िगाओं पर हो रहे हमलों और दुर्व्यवहार को देखते हुए सुल्तान ने यह पहल शुरू करने का फैसला किया. वह अपने शहर और उसके ऑटो ड्राइवरों की छवि बदलना चाहते हैं. उन्हें इस काम के लिए खासी वाहवाही भी मिल रही है.

अज्ज़ू सुल्तान के इंस्टाग्राम पर भी एक लाख से ज्यादा फॉलोवर हैं.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST
  • सुल्तान ने ऑटो में लगाए कन्नड़ सिखाने वाले प्लाकार्ड
  • अपने खर्चे पर शहर में बांट चुके हैं 500 प्लाकार्ड

बेंगलुरु भारत के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जहां देशभर से लोग नौकरी की तलाश में आते हैं. इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (Information Technology) के क्षेत्र में इस शहर की रोजगार संभावनाएं इतनी हैं कि इसे भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाता है. लेकिन रोजगार के लिए बेंगलुरु को अपना ठिकाना बनाने वालों के सामने हाल के दिनों में एक चुनौती रही है- वह है उन्हें कन्नड़ भाषा न आना. 

बेंगलुरु से ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिनमें गैर-कन्नड़ भाषियों के साथ बद्तमीज़ी, यहां तक कि मारपीट भी की गई है. सितंबर 2024 के पहले हफ्ते में बेंगलुरु में एक ऑटोरिक्शा चालक को एक महिला को चांटा मारने के लिए गिरफ्तार भी किया गया था. अब एक ऑटोवाले ने ही बेंगलुरु के गैर-कन्नड़ भाषियों को आसान कन्नड़ सिखाने का फैसला किया है.

कौन हैं अज्ज़ू सुल्तान उर्फ 'ऑटो-कन्नड़िगा'
सोशल मीडिया पर बेंगलुरु के एक ऑटो रिक्शा में लगे पैम्फलेट की तस्वीर ने कई लोगों का ध्यान खींचा. इस पैम्फ्लेट पर कन्नड़ के ऐसे आसान वाक्य लिखे हुए थे, जिनका इस्तेमाल आप किसी ऑटो वाले के साथ कर सकते हैं. जब यह तस्वीर वायरल होने लगी तो लोगों ने इस आइडिया के पीछे के इंसान के बारे में जानने की दिलचस्पी जाहिर की. 
 

अपने ऑटो में लोगों को आसान कन्नड़ सिखाने वाले शख्स का नाम अज्ज़ू सुल्तान है. यह इंस्टाग्राम पर 'ऑटो-कन्नड़िगा' के नाम से कंटेंट भी बनाते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर सुल्तान के 1.3 लाख फॉलोवर हैं. वक्त की मांग को देखते हुए सुल्तान ने अपने 'कंटेंट' और अपने ऑटो के जरिए लोगों को कन्नड सिखाने का फैसला किया है. 

कैसे कन्नड़ सिखा रहे हैं सुल्तान?
सुल्तान के ऑटो में लगे प्लाकार्ड पर कन्नड़ के आसान वाक्य और उनका अंग्रेजी अनुवाद लिखा हुआ है. सुल्तान ने इन वाक्यों को दो श्रेणियों में बांटा है. पहले वे वाक्य जो आप ऑटो के अंदर बोलते हैं, और दूसरे वे जो आप ऑटो के बाहर बोलते हैं. मिसाल के तौर पर, आप ऑटो में बैठने के बाद अपने ऑटोड्राइवर को गाड़ी तेज चलाने के लिए कैसे कहें, उससे किराया कैसे पूछें या ये कैसे पूछें कि वह यूपीआई से किराया लेते हैं या नहीं. 

इसी तरह किसी ऐप पर ऑटो बुक करने के बाद आपको अपने ऑटो वाले से यह पूछना पड़ सकता है कि वह कहां है, कितनी देर में आएगा. आपको अपने ऑटो ड्राइवर से यह कहने की जरूरत भी पड़ सकती है कि आप जल्द ही लोकेशन पर पहुंच रहे हैं और वह आपका इंतजार करे. सुल्तान ने इन सभी वाक्यों का ट्रांसलेशन उस पैम्फ्लेट पर लिख रखा है. साथ ही वह वीडियो ट्यूटोरियल के जरिए भी लोगों को ये वाक्य बोलना सिखा रहे हैं. 
 

सुल्तान ने सिर्फ अपने ऑटो में ही यह प्लाकार्ड/पैम्फ्लेट नहीं लगाया है. द हिन्दू की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुल्तान अब तक अपनी कमाई से 500 से ज्यादा प्लाकार्ड छपवाकर शहर के ऑटोचालकों को बांट चुके हैं. वह शहर के कुछ मेट्रो स्टेशनों के बाहर मौजूद ऑटोरिक्शा स्टैंड्स पर भी ये प्लाकार्ड लगा चुके हैं ताकि ऑटो का इंतजार कर रहे लोग इनका फायदा उठा सकें.

बदलना चाहते हैं शहर की छवि
सुल्तान कहते हैं कि बीते कुछ दिनों में कुछेक ऑटोचालकों की हरकतों ने पूरे शहर को बदनाम किया है. अपनी इस कोशिश के जरिए वह बेंगलुरु की छवि बदलना चाहते हैं. द हिन्दू की रिपोर्ट सुल्तान के हवाले से बताती है, "ऑटो ड्राइवरों और ग्राहकों के बीच हुई हालिया घटनाओं ने बेंगलुरु और इसके ऑटो चालकों की बहुत बदनामी करवाई है. पूरे भारत में अब हमें बुरे ऑटो ड्राइवरों के तौर पर पहचाना जाता है. मैं चाहता हूं कि हमारे राज्य के सभी ऑटो ड्राइवरों को एक अलग कारण से पहचाना जाए."

सुल्तान बताते हैं कि उन्हें हिन्दी अच्छी तरह आती है लेकिन उन्होंने ये प्लाकार्ड अंग्रेजी में छापने का फैसला किया. ताकि उनके ज्यादा से ज्यादा ग्राहक इसका फायदा उठा सकें. वह कहते हैं, "मैंने शहर के ऑटो संघ से अपना प्लान साझा किया. सभी का कहना है कि वे मेरी पहल का समर्थन करेंगे." 

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