आपने फिल्मों में स्पाइडर मैन को देखा होगा, लेकिन क्या असल में किसी को दीवारों पर चढ़ते हुए देखा है? सोशल मीडिया पर बिहार की दो बेटियों का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वे दोनों दिवार पर स्पाइडर मैन की तरह चढ़ती नजर आ रही हैं. उन्हें सभी ‘स्पाइडर गर्ल्स’ का नाम दे रहे हैं. पलक झपकते ही ये दोनों दीवार पर ऐसे चढ़ जा रही हैं जैसे मानो हम फिल्म देख रहे हों.
दरअसल, बिहार पटना की दो ऐसी बहनें हैं जिन्होंने वो टैलेंट कर दिखाया जिसके लिए लोगों को महीनों प्रैक्टिस में लग जाते हैं. राजधानी पटना के दानापुर में अक्षिता और कृपिता दीवारों पर और घर की पाया पर इस कदर चढ़ती हैं जैसे स्पाइडर मैन बिना किसी सहारे के चलता है.
9 और 11 साल की हैं दोनों बहनें
आपको बता दें, अक्षिता अभी केवल 11 साल की हैं और कृपिता 9 साल की. ये दोनों बहन पटना के संत करेंस स्कूल में पढ़ती हैं. दोनों ने ही बिना किसी ट्रेनिंग के स्पाइडर मैन की तरह चढ़ना सीखा है. अक्षिता बताती हैं कि उन्होंने घर में जब उनके माता-पिता नहीं थे तो अचानक दीवार पर चढ़ने की कोशिश की और फिर उस पर तेजी से चलना शुरू कर दिया. जब मां-पिता ने उन्हें देखा तो वह भी आश्चर्यचकित रह गए.
माता-पिता ने पहले किया चढ़ने से मना
आपको बता दें, किसी भी नॉर्मल माता-पिता की ही तरह जब दोनों बेटियों को पहली बार चढ़ते हुए देखा तो उन्होंने उन्हें ऐसा करने से मना किया. उन्होंने उनसे कहा कि ऐसा करना उनके लिए काफी जोखिम भरा हो सकता है. वे गिर भी सकती हैं. लेकिन अक्षिता ने अपना रिहर्सल मां और पिता के अनुपस्थिति में जारी रखा और आज वह घर के दीवारों की पाया पर इस कदर चढ़ती हैं जैसे स्पाइडर मैन चलता है.
अक्षिता कहती हैं कि वे बड़ी होकर हिमालय पर्वत पर चढ़ना चाहती हैं. वहीं छोटी बहन कृपिता ने बताया कि उन्होंने अपनी बड़ी बहन अक्षिता से प्रेरित होकर पिलर पर चढ़ना सीखा है.
माता-पिता को है दोनों के टैलेंट पर गर्व
दोनों के पिता अजीत कुमार गुप्ता को उनकी बेटियों के इस टैलेंट पर काफी गर्व है और वे चाहते हैं आगे चलकर उनकी बेटियां 12 फीट ही नहीं बल्कि हिमालय की ऊंची चोटियों पर बिहार का परचम लहराएं. वही मां संगीता गुप्ता का यह मानना है कि बचपन से ही उनकी दोनों बेटियां काफी टैलेंटेड रही हैं. हालांकि, उन्हें कभी-कभी तो इस बात का डर भी लगता था कि ग्रेनाइट की दीवार पर चढ़ने में कहीं वे गिर ना जाएं. उन्हें अपनी दोनों बेटियों पर गर्व है और उन्हें यकीन है कि उनकी दोनों बेटियां आगे चलकर एक दिन उनकी हिमालय पर्वत की चोटियों पर भी चढ़ जाएंगी.