Karnal: व्हीलचेयर पर बैठकर बाउंड्री लगाते इन खिलाड़ियों से मिलिए, जीत चुके हैं 300 से ज्यादा मैच 

क्रिकेट भारत में काफी लोकप्रिय खेल है. इसकी लोकप्रियता इतनी अधिक है कि लाखों की संख्या में इस खेल को देखने के लिए दर्शक मैदान में पहुंचते हैं. लेकिन क्या आपने कभी दिव्यांगों को व्हील चेयर पर बैठकर क्रिकेट खेलते देखा है. क्या आपने कभी उनको बाउंड्री लगाते देखा है. चलिए आज आपको करनाल के उन खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं जो व्हील चेयर पर बैठकर क्रिकेट खेलते हैं और राष्ट्रीय स्तर पर नाम बना चुके हैं.

handicapped cricketers
वरुण सिन्हा
  • करनाल,
  • 01 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 1:13 PM IST
  • 300 से ज्यादा मैच जीत चुकी है टीम
  • खिलाड़ियों के पास नहीं है स्पोर्ट्स व्हीलचेयर

खेल की भावना कई बार जीवन की राह आसान बना देती है. एक उद्देश्य बना देती है कि मेहनत किस दिशा में करना है.  करनाल के दिव्यांगों का एक तबका ऐसा है जो लोगों के लिए मिसाल पेश कर रहा है. क्रिकेट के प्रति जुनूनी ये खिलाड़ी खेल के मैदान में जम कर पसीना बहा रहे हैं. संसाधनों की कमी जरूर है पर हौसले इतने बुलंद की कोई भी राह आसानी से पार कर ले.

300 से ज्यादा मैच जीत चुकी है टीम

मैदान में पसीना बहाते ये खिलाड़ी असल में 'करनाल के हीरो' के नाम से मशहूर हैं. जब भी ये प्रैक्टिस करने या खेलने मैदान पर उतरते हैं लोग इनको देखने आते हैं. 'करनाल व्हीलचेयर क्रिकेट टीम' के ये खिलाड़ी अब तक 300 से ज्यादा मैच अपने नाम कर चुके हैं. टीम के कप्तान वेद पाल कहते हैं- चाहे जो भी हालत हो हम खिलाड़ी डरते नही हैं. वेद कहते हैं जब उन्होंने 2018 में क्रिकेट खेलने का सोचा तो घरवालों ने मना किया. घरवालों का कहना था कि एक तो तुम चल नहीं पाते तो क्रिकेट या कोई खेल कैसे खेलोगे. वह कहते हैं शुरू में हम बैठ कर क्रिकेट खेलते थे बाद में हमारे पास व्हील चेयर आई और उसके बाद हमने व्हील चेयर पर क्रिकेट खेलना शुरू किया. 

क्रिकेट ने दी नई आशा

टीम में कई सदस्य बचपन से दिव्यांग नहीं हैं. गुरमीत लगभग 10 साल पहले एक हादसे के शिकार हो गए और स्पाइनल इंजरी की वजह से उन्हें इस हालत से गुजरना पड़ा. वह कहते हैं मेरा जीवन तो मानो खत्म सा हो गया था पर क्रिकेट ने मुझे नई आशा दी. लोग शहर में मुझे मेरे नाम से जानते हैं. मैं विकेट कीपर हूं. जैसे ही मैं स्टंप के पीछे से किसी खिलाड़ी को आउट करता हूं, लोगों का उत्साह देखना लायक होता है. 

राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली तो लोगों का बदला नजरिया

वहीं टीम के सबसे वरिष्ठ खिलाड़ी जहीर कहते हैं, घर के लोग कई बार बोलते हैं कि चल फिर नहीं पाते हो फिर भी खेलने में लगे हो. लेकिन जब हमारी टीम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली तो लोगों का नजरिया बदल गया और हमारी टीम को सब जानने लगे. इस टीम में करनाल जिले के 16 खिलाड़ी शामिल हैं. टीम के 6 खिलाड़ी हरियाणा व्हीलचेयर्स क्रिकेट के हिस्सा भी हैं. असल में इस खेल में आगे बढ़ने के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार स्पोर्ट्स व्हीलचेयर आवश्यक है पर इन खिलाड़ियों के पास व्हीलचेयर नहीं है. वहीं बाकी जिलों और राज्यों की टीमों के खिलाड़ियों के पास इसकी उपलब्धता है. बावजूद इसके करनाल के इन खिलाड़ियों के हौसले बुलंद है.

 

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