देशभर में आज Mother's Day मनाया जा रहा है. लेकिन उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में एक ऐसी मां है जो 7 सालों से बेजुबानो को नई जिंदगी दे रही है. इनके घर में एक या दो नहीं बल्कि 50 से अधिक जानवर हैं. सड़कों पर जिंदगी और मौत की जंग लड़ने वाले बेजुबानों का सहारा हैं वंशिका गुप्ता.
वंशिका सड़कों पर बीमारी हालत में पड़े सभी जानवरों का अपने घर पर लाकर इलाज करती हैं. वंशिका के घर में कुत्ता, बिल्ली, चूहा, बंदर, खरगोश, चुजा, गाय का बछड़ा जैसे जानवरों की देखभाल वंशिका एक मां की तरह कर रही हैं. वंशिका का कहना है कि सभी जानवर उन्हें अपनी मां समझते हैं और किसी को कोई तकलीफ भी होती है तो वह अपनी भाषा में बोलते हैं, जिसे वंशिका समझ लेती हैं.
घर के पांच कमरों में रहते हैं जानवर
वंशिका बेसहारा जानवरों को अपनाती हैं और अपने घर लाकर एक मां की तरह दुलार और सेवा करती हैं. वंशिका ने सभी के लिए अपने घर में ही जगह बनाई है. तकरीबन 7 सालो से वंशिका गुप्ता इस काम को कर रही हैं. घर में रहने वाले सभी जानवर भी वंशिका से बहूत प्यार करते हैं. वंशिका ने इन बेजुबान जानवरों के लिए अपने घर के पांच कमरे दिए हुए हैं.
जारी किया हेल्पलाइन नंबर
वंशिका के पिता सरकारी हॉस्पिटल में डॉक्टर हैं और उनकी मां घरेलू कामकाज देखती हैं. उनकी एक बहन भी है. वंशिका ने बेजुबान जानवरों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर रखा है ताकि शहर में कोई भई उन्हें बेजुबानों की हेल्प के लिए बुला सके. जब भी उन्हें मदद के लिए कॉल आती है तो वंशिका उन जानवरों को रेस्क्यू कर अपने घर ले आती हैं और इलाज करती हैं.
यही नहीं वंशिका गुप्ता बेजुबान जानवरों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ भी लड़ाई लड़ती हैं. हाल ही में, एक शख्स के खिलाफ उन्होंने एफआईआर दर्ज कराई है क्योंकि उसने एक डॉग की जान ली. वंशिका बेसहारा और बेजुबान जानवरों को अपना मानती हैं और एक मां बनकर इनकी हक की लड़ाई भी लड़ती हैं.