सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए मुंबई ट्रैफिक पुलिस लाई प्रोजेक्ट स्लो डाउन, जानिए कैसे करेगा काम

सड़क हादसों से हर साल लाखों लोगों की जान जाती है. सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों का हिस्सा भारत में लगभग 11 प्रतिशत है. इसका सबसे बड़ा कारण है ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और ओवर स्पीडिंग है.

Mumbai Traffic (Representative Image)
पारस दामा
  • मुंबई,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:07 PM IST

देश में पिछले कुछ सालों से बदलाव की लहर लगातार देखने को मिल रही है. देश में आधुनिकीकरण हो रहा है. सड़कों और गलियों की मरम्मत का काम जारी है मगर आधुनिकीकरण होने के बावजूद भी देश में रोड एक्सीडेंट की संख्या काफी ज्यादा है. इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण है ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और ओवर स्पीडिंग. साल 2018 में आंकड़ों में रिपोर्ट किए गए 199 देशों में सड़क दुर्घटना में मृत्यु की संख्या में भारत पहले स्थान पर है.

ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन है मुख्य वजह
2019 की सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों का हिस्सा भारत में लगभग 11 प्रतिशत है. सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 1.51 लाख लोग भारत में मारे जाते हैं. ऐसे में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी रोड सेफ़्टी का मसला काफी बड़ा है. प्रति दिन मुंबई में काफी सड़क दुर्घटना सामने आती हैं जिस का सबसे बड़ा कारण है ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन और ओवर स्पीडिंग. ऐसे में ओवर स्पीडिंग और सड़क दुर्घटना की समस्या से निजाद पाने के लिए यूनाइटेड वे मुंबई और मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल ब्रांच ,मोटर व्हीकल डिपार्टमेंट और आईआईटी बॉम्बे मिलकर स्पीड ऑब्जरवेशन स्टडी सामने लायी है जिसे मिशन स्लो डाउन नाम दिया गया है.

रिपोर्ट में क्या पाया गया
प्रोजेक्ट स्लो डाउन के तहत मुंबई में कुछ ब्लैकस्पॉट्स निर्धारित किए गए हैं जहां पर तेज गति के कारण कारकों का अध्ययन और पहचान की गई. इन ब्लैकस्पॉट्स पर गति सीमाओं के सख्त प्रवर्तन का समर्थन करने के लिए गति शांत करने के उपायों की सिफारिश भी की गई है. मुंबई यातायात पुलिस को ओवरस्पीडिंग के उदाहरणों और गति की आवश्यकता के साक्ष्य प्रदान करना  उपयुक्त प्रवर्तन उपायों की योजना बनाने और उन्हें लागू करने के लिए शांत हस्तक्षेप की सिफारिश इस रिपोर्ट में की गई है. 

इस रिपोर्ट के तहत मुंबई ट्रैफिक पुलिस को कुछ रिकमेंडेशन्स भी किए गये है 

  • पीक ऑवर्स के दौरान ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस अधिकारी  तैनात किए जा सकते हैं
  • सड़क किनारे विक्रेता नियंत्रित किया जाना चाहिए जिससे ट्रैफिक ना हो.
  • सीसीटीवी सर्विलांस का इस्तेमाल लापरवाही और तेज गति के दोषियों की जांच के लिए किया जा सकता है. उन पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए.
  • अवैध पार्किंग पर लगाम लगाने की जरूरत है

जारी रहेगा काम
मुंबई यातायात के संयुक्त आयुक्त प्रवीन पडवाल ने कहा, ''मैं स्लो डाउन प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में यूनाइटेड वे मुंबई की टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूं. मुझे विश्वास है कि स्पीड ऑब्जर्वेशन स्टडी रिपोर्ट मुंबई ट्रैफिक पुलिस के लिए सख्त गति प्रबंधन नीतियों को लागू करने में एक उपयोगी उपकरण साबित होगी. ब्लैकस्पॉट की पहचान की. हमारे अधिकारी इन स्वयंसेवकों के साथ मिलकर उनके पड़ोस में सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए काम करना जारी रखेंगे.

 

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