10 साल की उम्र में कई बार हुआ यौन शोषण, सड़कों पर भीख मांगी, अब Miss Trans Global 2022 पेजेंट में करेंगी भारत का प्रतिनिधित्‍व

कहते हैं कि कुछ बदलने का जुनून हो तो क्या फर्क पड़ता है कि सिचुएशन पक्ष में है या नहीं. नाज़ जोशी भी इसी का उदाहरण हैं. उनका बचपन काफी कठिनाइयों के बीच गुजरा लेकिन अब वो मिस ट्रांस ग्‍लोबल 2022 पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने जा रही हैं. जानिए नाज़ ने कैसे कठिनाइयों से लड़ते हुए यहां तक का सफर पूरा किया.

नाज़ जोशी
तेजश्री पुरंदरे
  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:52 PM IST
  • एनआईएफटी से पढ़ी हैं नाज़
  • 10 साल की उम्र में ढाबे पर किया काम

दिल्ली में रहने वाली नाज़ जोशी मिस ट्रांस ग्‍लोबल 2022 पेजेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली हैं. यह एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें विश्व की सारी ट्रांसजेंडर महिलाएं भाग लेंगी. आपको बता दें कि नाज़ एक ऐसी ट्रांसजेंडर महिला हैं जिन्होंने ब्यूटी से जुड़े विश्व के सात इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं को जीता है. लेकिन जिस नाज़ ने हर रोज एक नया मुकाम हासिल किया उसी नाज़ ने अपनी बीती जिंदगी में कुछ ऐसे अंधेरे देखे हैं जिन्हें सुनकर ही हम सिहर उठेंगे. बावजूद इसके नाज़ ने अपनी उम्मीद और हौसलों को नही छोड़ा. और इसलिए तमाम मुश्किलों के बावजूद आज वो अपनी पहचान के साथ अपने पैरों पर खड़ी है.

ढाबे पर किया काम

नाज़ पर तो आज पूरे देश को नाज़ है लेकिज उनकी अपनी मां आज भी उनसे नाराज़ है. वे आज भी यही कहती हैं कि, "मैने तो लड़का पैदा किया था, छक्का नहीं!" जब वह सात साल की हुईं तब स्कूल और मौहल्ला में यह जाहिर होने लगा कि वे लड़का नहीं हैं. वे शरीर से भले ही लड़का हों लेकिन उनके हार्मोंस, हावभाव और तौर तरीके सारे लड़कियों वाले थे. कुछ सालों के बाद परिवार वाले भी उनके इस बर्ताव से नाराज होकर उनसे मारपीट करने लगे. 10 साल की उम्र में वह खुद नहीं जानती थी कि वह एक लड़का है या लड़की. ऐसे में उसके घरवालों का व्यवहार उसके साथ और भी ज्यादा क्रूर होता गया. समाज में अपनी साख बचाए रखने के लिए उसके माता-पिता ने उसे मुंबई वाले मामा के घर भेज दिया. मामा वैसे भी 6 बच्चों के साथ एक कमरे में रहते थे. उसके आते ही मामा ने कह दिया था कि उसे पढ़ाने लिखाने की उनकी हैसियत नहीं है इसलिए पैसे कमाने के लिए 10 साल की उम्र में उसने ढाबे पर काम करना शुरू कर दिया.

एक दिन ढाबे पर लोगों की झूठी प्लेटे साफ करने के बाद वो जब घर पहुंची तब मामा मामी का लड़का और उसके कुछ दोस्त घर पर शराब पी रहे थे. उन्होंने नाज़ को भी शराब पिलाने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया. इसलिए उसे कोल्ड ड्रिंक पिलाकर सुला दिया. जब सुबह उसने आंखें खोली तो उसने पाया कि वह अस्पताल में दर्द से कराह रही है. उसके शरीर पर बेतरह घावों के निशान थे और एनल एरिया में टांके लगे थे. दो दिन गुजरे, चार दिन गुजरे, उसे लेने कोई नहीं आया. उस रात मामा के बेटे और उसके छह दोस्‍तों ने उसका रेप किया था.

डिप्रेशन में चली गईं थी नाज़ 

इसके बाद किन्नर समाज के एक व्यक्ति की उस पर नजर पड़ी और वो उसे अपने साथ ले गया. इस दौरान नाज़ ने सड़कों पर भीख मांगी और बार में बतौर बार डांसर काम भी किया. 18 साल की उम्र में नाज़ ने अपनी खुद की कमाई से बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद नाज़ की कजिन उसके जिंदगी में रोशनी बनकर आई. नाज़ की कजिन विवेका बाबाजी ने एनआईएफटी में नाज़ का एडमिशन करवाया और उनकी ग्रेजुएशन का पूरा जिम्मा उठाया. नाज़ ने हर सेमेस्‍टर में टॉप किया. उसे अच्छा कैंपस प्‍लेसमेंट मिला और पहली नौकरी ही डिजाइनर रितु कुमार के यहां लगी. पहली तनख्वाह से नाज़ ने अपना पहला घर लिया. घर का सारा सामान खरीदा. लेकिन नौकरी के दौरान भी उसके साथ सब कुछ सामान्य नही था. उसे लोग हीन भावना और गलत नजरिए से देखा करते थे. इसके चलते वे डिप्रेशन में चली गई. डॉक्‍टर को दिखाया तो डॉक्‍टर की दी दवाइयों ने उसे और नंब कर दिया. इसके बाद नौकरी भी छूट गई.

कुछ दिन बाद उसे गे मसाज पार्लर में नौकरी मिली. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि लाजपत नगर में गे मसाज पार्लर के नाम पर सेक्स पार्लर चलता था. अंधेरी रोशन गलियों में पता नहीं चल पाता था कि अंधेरे कमरे में क्या कुछ चल रहा है. अब तक नाज को लगने लगा था कि वो इस शरीर में नहीं रह सकती. उसे सेक्‍स चेंज ऑपरेशन करवाना होगा, लेकिन उसमें 6-7 लाख का खर्च था. उस पैसे की जरूरत को पूरा करने के लिए मसाज पार्लर की मैनेजर नाज़ सेक्‍स वर्कर नाज बन गई. जितनी सर्विस, उतने पैसे.

ऐसे बदली जिंदगी

इसी दौरान नाज़ की मुलाकात ऋषि तनेजा जो एक जाने माने फोटोग्राफर हैं, उनसे हुई. वे एक होमोसेक्सुअल सेक्स वर्कर का फोटो शूट करना चाहते थे. और  हर फोटो शूट के लिए नाज़ को पंद्रह सौ रुपए मिलते. इस फोटो शूट में कई बोल्ड सीन्स भी थे. इसी फोटोशूट को बाद में 2013 में उसे राजस्‍थान फैशन वीक में भेजा, जहां वो देश की पहली ट्रांसजेंडर शो स्‍टॉपर बनी. तीन शो किए और 30,000 रु. मिले. हवाई जहाज का टिकट, फाइव स्‍टार होटल का कमरा. इतनी इज्‍जत, इतना पैसा, इतना आराम  उसके लिए ये सब किसी सपने से कम नहीं था.

अब ट्रांस ग्‍लोबल 2022 पेजेंट में लेंगी हिस्सा

नाज़ का यह सफर कांटो भरा रहा. आज वो देश दुनिया में नाम कमा चुकी हैं. दो साल पहले जब उनके पिता की मृत्यु हुई तब वे अपने घर लौटीं. नाज़ पर आज गर्व तो सभी करते है लेकिन उनसे किसी ने आज तक माफी नहीं मांगी. इतना सबकुछ होने के बाद भी नाज़ की मां उनसे और उनके काम से नाराज ही हैं. फिर भी कभी न हार मानने वाली नाज़ एक बार फिर से मिस ट्रांस ग्‍लोबल 2022 पेजेंट में हिस्‍सा लेने जा रही हैं, इस उम्मीद के साथ कि वे देश के लिए कुछ न कुछ हासिल तो करेंगी ही.

 


 

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