इंसान के अंदर अगर जज्बा हो तो वो बड़ी से बड़ी मुश्किल को भी आसानी से पार कर लेता है क्योंकि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. कई बार हमें ऐसी कहानियां सुनने को मिलती हैं, जो हमें प्रेरित करती हैं. आज की कहानी एक ऐसे ही व्यक्ति के बारे में है जिसने अपनी विकलांगता को भी अपने लिए रुकावट नहीं बनने दिया. कुछ समय पहले दिव्यांग सूरज करवाडे़ की एक वीडियो काफी वायरल हो रही थी जिसके बाद हमने उन तक पहुंचने और उनसे बात करने की कोशिश की.
सूरज ने बताया कि वो बचपन से ही दिव्यांग हैं और अपनी इस कमी को उन्होंने कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया. उन्होंने नागपुर यूनिवर्सिटी से बीएससी की पढ़ाई पूरी की और साथ ही उन्होंने कम्प्यूटर हार्डवेयर, बेसिक कंप्यूटर और टेली कोर्स भी किए हैं. लेकिन उनको अभी तक कोई जॉब नहीं मिली. मायूस होकर घर पर बैठने के बजाए सूरज ने कमाई का जरिया ढूंढ़ा और समोसे बेचना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं सूरज कॉम्पिटिटिव एग्जाम की भी तैयारी कर रहे हैं और IAS ऑफिसर बनना चाहते हैं. सूरज दिन में पढ़ाई करते हैं और 3 बजे से रात 9 बजे तक समोसा बेचते हैं. जिसका दाम 15 रुपये प्रति प्लेट है.
कैसे आया समोसे बेचने का ख्याल?
सूरज ने बताया कि पहले उन्होंने अपनी पढ़ाई के आधार पर कई जगह जॉब के लिए ट्राई किया लेकिन उनकी विकलांगत की वजह से उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिली. मन कुछ निराश हुआ लेकिन कुछ करने का जुनून था जिसने आगे बढ़ने का हौसला दिया. उन्होंने कहा कि घर पर मेरा मन नहीं लगता इसलिए मैंने ये काम चुना. सूरज के लिए ये समोसे उनके पिता बनाते हैं और वो उन्हें बाजार में बेचते हैं. सूरज ने बताया कि उनके पिता का एक जगह से काम छूट गया जिसकी वजह से वो शाम में घर रहने लगे. मैंनें उनसे कहा कि आप समोसे बनाओं मैं बेचकर आउंगा. सूरज आपको नागपुर की सदर बाजार और गड्डीगोदाम एरिया में समोस बेचते दिख जाएंगे. समोस के साथ आपको प्याज और तली हुई मिर्ची खाने के लिए दी जाती है.
रोज बेच लेते हैं 60 से 70 प्लेट
सूरज को ये काम करते हुए लगभग एक साल हो रहा. उन्होंने बताया कि पहले तो उन्हें इसमें ज्यादा प्रॉफिट नहीं हुआ लेकिन अब उन्हें अच्छी कमाई हो जाती है. इस वजह से उन्हें किसी दूसरे के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता है. इसी के साथ वो समोसे की क्वालिटी पर भी विशेष ध्यान देते हैं. सूरज ने बताया कि वो समोसे हमेशा ताजे तेल में तलते हैं ताकि कस्टमर्स को हमेशा अच्छी चीज खाने को मिले क्योंकि ग्राहक की हेल्थ के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए. सूरज एक दिन में लगभग 60 से 70 प्लेट समोसे बेच लेते हैं और उन्हें उम्मीद है कि उनका ये बिजनेस आगे और बढ़ेगा.