न ट्रैफिक की दिक्कत न पॉल्यूशन का डर...केबल कार की तरह इस देश में शुरू होने जा रही हवाई टैक्सी

Whoosh की हवाई टैक्सी स्काई लिफ्ट की तरह दिखती है, लेकिन इसका ऑपरेशन गोंडोला से अलग है. गोंडोला केबल पर चलता है, लेकिन Whoosh की हवाई टैक्सी इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं.

SKI Lift: Photo: Whoosh
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:07 PM IST
  • 2027 तक लॉन्च की योजना
  • Whoosh की हवाई टैक्सी स्काई लिफ्ट की तरह दिखती है.

दुनिया भर में ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है. इससे लोगों का कीमती समय तो खराब होता ही है, साथ-साथ प्रदूषण भी बढ़ता है. दुनिया के कई देश भीड़भाड़ और बढ़ते प्रदूषण से निपटने के उपाय खोज रहे हैं. इसी बीच न्यूजीलैंड की एक स्टार्टअप कंपनी "Whoosh" ने ऐसा समाधान खोज निकाला है जिससे ट्रैफिक की समस्या भी नहीं होगी और पॉल्यूशन से राहत भी मिलेगी. Whoosh अगले साल एक केबल-कार जैसी राइड-हेलिंग नेटवर्क का निर्माण शुरू करेगी, यह प्रोजेक्ट अपने तरह का पहला प्रोजेक्ट है.

हवाई टैक्सी कैसे है गोंडोला से अलग?
Whoosh की हवाई टैक्सी स्काई लिफ्ट की तरह दिखती है, लेकिन इसका ऑपरेशन गोंडोला से अलग है. गोंडोला केबल पर चलता है, लेकिन Whoosh की हवाई टैक्सी इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं. ये लगभग 26 मील प्रति घंटे यानी (करीब 42 किमी प्रति घंटे) की गति से चल सकती हैं. Whoosh के केबिन में लगे मोटर इस सिस्टम को और भी सस्ता बनाते हैं. इसमें लगे इलेक्ट्रिक मोटर इसे चलते समय बिना रुके केबल से पटरियों पर स्विच करते हैं.
 
2027 तक लॉन्च की योजना
Whoosh इस प्रोजकेट को 2027 तक मार्केट में उतार सकता है. कंपनी का दावा ये भी है कि ये वाहन यात्रा के समय को घटाने के साथ-साथ इलेक्ट्रिक कारों की तुलना में दोगुने अच्छे होंगे. इसके अलावा यात्री ऐप या टिकट मशीनों के जरिए इसकी टिकट ले सकेंगे.

Whoosh

क्वीन्सटाउन में ट्रैफिक समस्या का समाधान
क्वीन्सटाउन को परीक्षण के लिए चुना गया है क्योंकि ये शहर भयानक ट्रैफिक की समस्या से जूझ रहा है. अगर यह नेटवर्क पूरे शहर में लागू होता है, तो इससे लगभग 20% तक सड़कों से वाहनों को हटाया जा सकता है. इससे शहर में ट्रैफिक की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.

लागत और ऊर्जा की बचत
क्रिस एलिंगटन के मुताबिक यात्रा की कीमत भले ही सार्वजनिक परिवहन से थोड़ी महंगी हो सकती है, लेकिन उबर जैसी सेवाओं से सस्ती होगी. उनका ये भी कहना है कि Whoosh के वाहन अन्य साधनों की तुलना में अधिक ऊर्जा-कुशल हैं. एक घंटे की सवारी में इतनी ही ऊर्जा खर्च होगी जितनी 10 मिनट के शॉवर में होती है. इसके अलावा, यह बुनियादी ढांचा जमीनी रेल नेटवर्क की तुलना में पांचवां हिस्सा कार्बन उत्सर्जन करता है, जिससे यह एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनता है. Whoosh उन शहरों के लिए अच्छआ समाधान है, जहां पॉपुलेशन बहुत ज्यादा नहीं है. Whoosh जैसे सिस्टम उन शहरों के लिए एक नया और बेहतर समाधान हो सकते हैं, जहां लोगों को तेज, सस्ती ट्रैवल की जरूरत है.

 

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