Shimla में सदाबहार सड़क के लिए सबसे बड़ा दान, Dodra Kwar के लोगों ने दान दी जमीन

मंदिर, मस्जिद के लिए दान देना आम बात है. लेकिन बात जब गांव में सड़क निर्माण की हो और पूरा गांव दान देने के लिए तैयार हो जाए तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं है. हिमाचल प्रदेश के एक गांव में लोगों ने सड़क बनाने के लिए अपनी जमीनें दान दे दी.

सड़क के लिए जमीन दान दी (फाइल)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST
  • सड़क के लिए गांववालों ने दान दी जमीन
  • 20 से ज्यााद लोगों ने दान दी जमीन

हिमाचल प्रदेश के एक गांव के लोगों ने सड़क के लिए बड़ा त्याग किया है. करीब 20 से ज्यादा गांववालों ने अपनी जमीन दान दे दी, ताकि गांववालों का आने-जाने में सुविधा हो. 2 किलोमीटर लंबी सड़क पुजरली के गोसांगो से उत्तराखंड के सेवा डोगरी में हरली तक जाएगी.

निर्माण में 2.4 करोड़ का खर्च-
ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस सड़क के लिए जंगल की 7584 वर्ग मीटर जमीन और 1279 वर्ग मीटर निजी जमीन की जरूरत है. जंगल की जमीन के अधिग्रहण के लिए वन संरक्षण अधिनियम के तहत मंजूरी के लिए दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं. इस सड़क के निर्माण में 2.47 करोड़ रुपए की लागत आएगी. ये रोड 5 से 7 मीटर चौड़ी होगी. जिसपर एक पुल भी होगा. इसके लिए लोक निर्माण विभाग ने विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की है.

इलाके की आबादी 8 हजार-
डोडरा क्वार सबडिविजन में 5 गांव हैं. जिसकी आबादी 8 हजार है. नवंबर और मार्च के बीच बर्फबारी की वजह से इन गांवों का राज्य के दूसरे हिस्सों से संपर्क टूट जाता है. कई बार लोगों को कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है. बीमार पड़ने पर लोगों को अस्पताल पहुंचाने तक की सुविधा नहीं होती है. लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ता है.

इंटरनेट कनेक्टिविटी में भी दिक्कत-
इन गांवों को USAT के तहत जोड़ा गया है. लेकिन इंटरनेट कनेक्टिविटी की समस्या हमेशा रहती है. जिस्कुन पंचायत की प्रधान ललिता चौहान ने कहा कि इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी की वजह से आपातकाल में दिक्कत होती है. अगर कोई हादसा या किसी की मृत्यु होती है तो संपर्क करना मुश्किल हो जाता है.
धेंदरवाड़ी पंचायत की प्रधान अंजना कहती हैं कि इंटरनेट में दिक्कत की वजह से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई में भी समस्या आती है. बच्चों को पढ़ाई के लिए रोहड़ भेजना पड़ता है.

BSNL लगाएगा टावर-
बीएसएनएल चांसल में दूरसंचार टावर स्थापित करेगा. इसके लिए 1.54 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं. ट्रिब्यून इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक शिमला के उपायुक्त ने कहा कहा कि एयरटेल इस टावर का इस्तेमाल 5जी सेवा देने के लिए करेगा. जिससे इंटरएक्टिव लर्निंग, स्मार्ट क्लासरूम और टेली-मेडिसिन का काम होगा.

ये भी पढ़ें:

Read more!

RECOMMENDED