भारत में बहुत से लोगों का सपना होता है कि वे यूरोप घूमें या दुबई जैसी जगहों पर जाएं. लेकिन इससे पहले उन्हें अपने खुद के देश को घूमना चाहिए. जी हां, हमारा पूरा देश ही ऐसे डेस्टिनेशन्स से भरा पड़ा है जहां जाकर आप एक अलग अनुभव महसूस करेंगे. इसलिए अगर आप नए साल पर छुट्टियों पर घूमने (New Year Vacation) का प्लान कर रहे हैं तो सबसे पहले अपने भारत को एक्सप्लोर करने का प्लान करें.
नए साल पर अगर आप ट्रिप पर जाना चाहते हैं तो भारत के पहले हेरिटेज गांव को देखने जा सकते हैं. बहुत से लोगों को तो शायद पता ही नहीं होगा कि भारत में हेरिटेज विलेज (Heritage Village) भी है और वह भी हिमाचल प्रदेश में. हिमाचल के कांगड़ा जिले में बसा प्रागपुर गांव देश का पहला हेरिटेज गांव है. यह गांव एतिहासिक और सांस्कृतिक, दोनों ही रूप से महत्व रखता है.
भारत का पहला हेरिटेज गांव
16वीं सदी के अंत में स्थापित, प्रागपुर को, इसके पड़ोसी गांव गरली के साथ, 1997 में हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार ने आधिकारिक तौर पर "विरासत गांव" के रूप में नामित किया था, जिससे यह भारत का पहला विरासत गांव बन गया. प्रागपुर की स्थापना 16वीं शताब्दी के अंत में जसवान शाही परिवार की राजकुमारी प्राग देई की याद में पटियालों ने की थी.
प्रागपुर का क्षेत्र जसवान रियासत का हिस्सा था, जिसके प्रमुख ने, 16वीं सदी के अंत या 17वीं सदी की शुरुआत में, कुठियाला सूद के नेतृत्व में विद्वान लोगों के एक दल को अपने शाही परिवार की राजकुमारी 'प्राग' की स्मृति में एक उपयुक्त स्थान खोजने का आदेश दिया था.
प्रागपुर एक सजावटी गांव है जिसमें पुरानी दुकानें, सड़कें, पुरानी पानी की टंकियाँ, मिट्टी से पुती दीवारें और स्लेटेड छतों वाले घर हैं. किले जैसे घरों, हवेलियों और विलाओं से सजी संकरी गलियां, क्षेत्र के पुराने करिश्मे को जीवंत करती हैं. अपनी अनूठी वास्तुकला और प्राचीन सुंदरता के कारण ही इसे देश का पहला विरासत गांव घोषित किया गया था.
गांव में है यूरोपियन चार्म
गांव के आर्किटेक्चरल चार्म की बात करें तो यहां बहुत सी ऐसी बिल्डिंग हैं जैसे जज कोर्ट, जो यूरोपियन स्टाइल में बनी हुई हैं. सदियों पुराने कुछ घर भी इसी तरह के आर्किटेक्चर से बने हैं. आप यहां आएंगे तो आपको यह गांव किसी यूरोप के गांव से कम नहीं लगेगा. यहां पर एक होटल को रिस्टोर किया गया है और इसमें भी यूरोपियन संरचना को ध्यान में रखा गया है. इस बिल्डिंग का लुक और फील आपको फ्रांस और स्विजरलैंड के पुराने गांवों की याद दिलाएगा.
प्रागपुर के साथ-साथ आप पड़ोसी गांव, गरली की भी यात्रा कर सकते हैं. यह गांव बहुत सुंदर है. प्रागपुर में आप लाला रेरुमल हवेली, बुटेल मंदिर, चौज्जर हवेली, सूद कुलों के प्रांगणों का दौरा कर सकते हैं. प्रागपुर में कुशल शिल्पकार, बुनकर, टोकरी बनाने वाले, चांदी बनाने वाले, चित्रकार, संगीतकार और दर्जी रहते हैं. स्थानीय बाज़ारों में यहां की पारंपरिक वस्तुएं आपको मिलेंगी. आप आज ही यहां जाने का प्लान कर सकते हैं.