Trip to Rishikesh: मंदिर, झरने और योग केंद्रों से लेकर Beatles Ashram तक, एक बार जरूर करें भारत की Yoga Capital की ट्रिप

पिछले कुछ सालों में सड़कों की कनेक्टिविटी बेहतर होने से ऋषिकेश का टूरिज्म बढ़ा है. साथ ही, योग नगरी होने के कारण न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पहुंचते हैं. जानिए उत्तराखंड में योग सेंटर्स के अलावा और क्या-क्या घूमने के लिए है.

Trip to Rishikesh
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 28 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 3:38 PM IST
  • जरूर करें नीलकंठ बाबा के दर्शन 
  • शांति के लिए जाएं वशिष्ठ गुफा 

भारत की Yoga Capital यानी योग राजधानी के नाम से मशहूर ऋषिकेश (Rishikesh) को हिमालय की तलहटी में स्थित एक आध्यात्मिक केंद्र के रूप में जाना जाता है. योग केंद्रों, आश्रमों और आयुर्वेदिक रीट्रीट्स से भरा, ऋषिकेश दुनिया भर से बहुत से आध्यात्मिक साधकों के साथ-साथ प्रकृति को अनुभव करने की चाह रखने वाले और घूमने के शौकीन लोगों को आकर्षित करता है. यह भारत के कुछ स्थानों में से एक है, जहां धर्म-अध्यात्म या सिर्फ घुमक्कड़ी के शौकीन तक कभी भी आ सकते हैं और उन्हें वही मिलेगा जो वे ढूंढ रहे हैं. 

धार्मिक कार्यों के लिए प्राचीन मंदिर, आध्यात्म से जुड़े लोगों के लिए योग और अध्यात्मिक केंद्र, भागदौड़ भरी जिंदगी से ब्रेक लेने आए युवाओं को प्रकृति का अहसास और कैमरे का शौक करने वाले लोगों को एक से एक सुंदर और मनभावन नजारे... ऋषिकेश सबको सबकुछ देता है. खासकर अगर आप दिल्ली NCR से हैं तो कभी भी वीकेंड पर यहां आने का प्लान कर सकते हैं. दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों के लिए भी बस, ट्रेन या फ्लाइट्स की अच्छी कनेक्टिविटी है. 

जरूर करें नीलकंठ बाबा के दर्शन 
ऋषिकेश को प्राचीन शिव मंदिर नीलकंठ मंदिर के लिए जाना जाता है. भोलेनाथ के भक्त दूर-दूर से यहां बाबा के दर्शन करने पहुंचते हैं. खासकर कि महाशिवरात्रि पर बहुत ज्यादा भीड़ होती है. यह शहर से लगभग 12 किमी दूर स्थित है और आप स्कूटर आदि से आसानी से पहुंच सकते हैं. 

नीलकंठ मंदिर के अलावा, यहां पर कुंजापुरी देवी मंदिर भी है जो एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है. यहां भक्तों को पहाड़ों और घाटियों का मनमोहक दृश्य मिलता है. देवी शक्ति को समर्पित, यह हिंदू मंदिर आध्यात्मिक संतुष्टि चाहने वाले तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. जब आप सीढ़ियां चढ़कर ऊपर पहुंचते हैं तो आपको इतना सुंदर दृश्य दिखता है कि आप जिंदगी भर इसे नहीं भूलेंगे. 

त्रिवेणी घाट पर करें आरती
हर शाम लगभग 6.30 बजे, भक्त और पर्यटक आरती समारोह में शामिल होने के लिए त्रिवेणी घाट पहुंचते हैं. यह अनुष्ठान पवित्र गंगा नदी के किनारे होता है और यह देवताओं और इस अनुष्ठान में भाग लेने वाले सभी लोगों को समर्पित है. जब सूरज ढल जाता है, तो पुजारी नदी के सामने खड़े हो जाते हैं और समारोह शुरू हो जाता है. इसके बाद आप जो देखते हैं, सूंघते हैं और सुनते हैं उसका वर्णन करना कठिन है. 

शांति के लिए जाएं वशिष्ठ गुफा 
गंगा नदी के तट पर स्थित वशिष्ठ गुफा को ऋषि वशिष्ठ का ध्यान स्थल माना जाता है. थोड़ी देर दल चलकर इस गुफा तक पहुंचा जा सकता है. वशिष्ठ गुफा में जाकर आपके मन को अत्यधिक शांति का अनुभव होगा. यहां एक छोटा सा आश्रम भी है जिसे वशिष्ठ आश्रम कहा जाता है जो गुफा के पास स्थित है. यह बद्रीनाथ मार्ग पर ऋषिकेश से 22 किमी दूर स्थित है. 

झिलमिल गुफ़ा भी ऋषिकेश में सबसे अच्छे ऑफबीट स्थानों में से एक है और यह हलचल भरे शहर के करीब सबसे शांत स्थान है, जो शांति से घिरा हुआ है. मणिकुट काजरी वन के नाम से जाना जाने वाला यह जंगल बड़ी संख्या में हाथियों का घर है. तीनों गुफाओं में से प्रत्येक का आकार अद्वितीय है और पर्यटक बहुत ही कम वहां जाते हैं. तीन गुफाओं में से आल्हा उदल को समर्पित है जो योद्धा थे, दूसरी गुरु गोरक्षनाथ को समर्पित है, जिनकी स्थापना सरस्वती निजानंद स्वामी ने की थी, और तीसरी गुरु झिलमिल को समर्पित है, जिससे इस गुफा का नाम पड़ा है. 

यहां बसा है बीटल्स आश्रम 
क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 50 साल पहले, बीटल्स शांति से रहने, ध्यान और योग का अभ्यास करने के लिए यहां आए थे. इस जगह से प्रेरित होकर, उन्होंने 48 गाने लिखे, जिनमें एवरीबडीज़ गॉट समथिंग टू हाइड एक्सेप्ट मी, माई मंकी और डियर प्रूडेंस शामिल हैं! आज, बीटल्स आश्रम, या महर्षि महेश योगी आश्रम इस पवित्र स्थान को जानने और जानने के इच्छुक सभी लोगों के लिए खुला है. 

महर्षि महेश योगी ने 1968 में बीटल्स को ट्रान्सेंडैंटल मेडिटेशन में निर्देश दिया था और उन्होंने ही यह आश्रम स्थापित किया. आश्रम की दीवारों पर भित्तिचित्र हैं. यह निश्चित रूप से ऋषिकेश में घूमने के लिए सबसे शांतिपूर्ण स्थानों में से एक है. 

बहुत ही निर्मल हैं यहां के झरने 
ऋषिकेश आएं और झरने के नीचे न नहाएं? ऐसा नहीं हो सकता है इसलिए कहीं जाएं या न जाएं लेकिन शहर से सिर्फ 14 किमी दूर पटना गांव में स्थित पटना झरना जरूर जाएं. जब आप इस स्थान पर पहुंचते हैं, तो आपको पहाड़ी पर लगभग 800 मीटर की चढ़ाई करनी होती है, जिसमें लगभग 20 मिनट लगते हैं. यहां चट्टानों के बीच एक छोटा सा तालाब छिपा हुआ है, जहां आप डुबकी लगा सकते हैं. यह बहुत ही सुंदर जगह है. 

इसके अलावा, लक्ष्मण झूला से लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित नीरगढ़ प्राकृतिक झरना बिल्कुल मनमोहक है. यह ऋषिकेश के बाहरी इलाके में स्थित है, जहां पहाड़ों और जंगलों के विस्मयकारी दृश्य आपको देखने को मिलेंगे. इनके अलावा, गरुड़ चट्टी झरना और फूल चट्टी झरना भी बहुत मशहूर हैं. ऋषिकेश क रघुनाथ मंदिर में गर्म पानी का तालाब , ऋषिकुंड भी है, जहां कभी ऋषि-मुनि स्नान करते थे.

आप ऋषिकेश में आस्था पथ, राजाजी नेशनल पार्क, परमार्थ निकेतन, जय मां तारा मंदिर आदि घूम सकते हैं. यहां देवप्रयाग देखना भी मनमोहक रहेगा. देवप्रयाग वह जगह है जहां दो पवित्र नदी, अलकनंदा और भागीरथी के पानी का संगम होता है. यह जगह टिहरी-गढ़वाल जिले में ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाइवे पर है. 

 

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