Athens Marathon में 12वीं बार दौड़े 88 साल के Ploutarchos Pourliakas, रोजाना 4-5 किमी की करते हैं रनिंग

पौरलियाकस इसके पीछे अनुशासन और अच्छी लाइफस्टाइल का हाथ मानते हैं. पौरलियाकस रोज 4-5 किलोमीटर दौड़ते हैं. जबकि वीकेंड पर वे 20 किलोमीटर तक दौड़ते हैं. लेकिन उनकी सेहत का रहस्य सिर्फ दौड़ तक सीमित नहीं है.

Athens Marathon (Photo:Louisa Gouliamaki/Reuters)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST
  • उम्र को दी मात
  • बताया अपनी जीत का सीक्रेट

आज के दौर में, जहां युवाओं को ताकत और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है, वहीं 88 साल के प्लूटारकोस पौरलियाकस ने यह साबित कर दिया है कि उम्र महज के संख्या भर है. पौरलियाकस ने 41वें एथेंस मैराथन को पूरा कर इतिहास और परंपरा से भरपूर इस दौड़ में अपना अलग नाम दर्ज कर दिया है.

एथेंस मैराथन, जिसे द ऑथेंटिक भी कहा जाता है, का इतिहास 2,500 साल पुराना है. ऐसा माना जाता है कि यह वही रास्ता है, जिस पर एथेंस के संदेशवाहक फीडिपीड्स ने मैराथन के युद्धक्षेत्र से एथेंस तक अपनी जीत का संदेश देने के लिए दौड़ लगाई थी. यह ऐतिहासिक रास्ता 2004 के एथेंस ओलंपिक में भी इस्तेमाल किया गया था. 

इसी ऐतिहासिक जमीन पर, पौरलियाकस ने पानाथिनाइक स्टेडियम में दौड़ पूरी की है. उनका परिवार और पोते-पोतियां गर्व के साथ उनकी हिम्मत बढ़ा रहे थे. तालियों की गूंज के बीच दौड़ खत्म होने पर पौरलियाकस ने कहा, “मैंने दौड़ पूरी की और पिछले साल से बेहतर प्रदर्शन किया है.”  

उम्र को मात देते हुए, हर कदम के साथ जीत  
पौरलियाकस ने 42.195 किलोमीटर (26.22 मील) लंबी इस चुनौतीपूर्ण दौड़ को 6 घंटे और 31 मिनट में पूरा किया है. इस बार उन्होंने अपने पिछले साल के समय से 18 मिनट कम में दौड़ पूरी की है. गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, पौरलियाकस कहते हैं “मैं 88 साल का नहीं, बल्कि उससे कहीं युवा महसूस करता हूं.” पौरलियाकस की ये 12वीं मैराथन थी, जिसे उन्होंने पूरा किया है.  

देर से शुरू किया लेकिन जुनून के साथ  
हालांकि, पौरलियाकस हमेशा से दौड़ते नहीं थे. उनकी प्रेरणादायक कहानी 73 साल की उम्र में शुरू हुई, जब उनके बेटे से उन्हें प्रेरणा मिली. उनके बेटे एक अल्ट्रामैराथनर हैं. उत्तरी ग्रीस के खूबसूरत शहर कास्टोरिया में रहने वाले पौरलियाकस ने फिट रहने के लिए दौड़ना शुरू किया. जो कुछ समय के लिए उनका शौक था, वह जल्दी ही उनकी पहचान बन गया. वे कहते हैं, “यह उम्र की बात नहीं है. हम सभी ऐसा कर सकते हैं, बस हमें हिम्मत करनी चाहिए.”  

अनुशासन है जीत का रहस्य  
तो उनकी ऊर्जा और जीत का राज़ क्या है? पौरलियाकस इसके पीछे अनुशासन और अच्छी लाइफस्टाइल का हाथ मानते हैं. पौरलियाकस रोज 4-5 किलोमीटर दौड़ते हैं. जबकि वीकेंड पर वे 20 किलोमीटर तक दौड़ते हैं. लेकिन उनकी सेहत का रहस्य सिर्फ दौड़ तक सीमित नहीं है. पौरलियाकस कहते हैं, “मैंने कभी स्मोकिंग नहीं की. मैं अति नहीं करता- ना पीने में, ना देर रात तक जागने में. खाना भी अच्छा खाता हूं.” 

हालांकि, उनकी एक छोटी सी खासियत है- वह हर दिन ग्रीक ड्रिंक सिपूरो लेते हैं, लेकिन बेहद कम मात्रा में. वे बताते हैं कि इसे केवल एक दवा की तरह लेते हैं. 

हर पीढ़ी के लिए प्रेरणा  
जो लोग पौरलियाकस को दौड़ते हुए देखते हैं, वे अक्सर उनकी उम्र पर यकीन नहीं कर पाते. उनकी फुर्ती, सहनशक्ति और जीवन के प्रति उत्साह, उम्र को लेकर बनी धारणाओं को तोड़ने का काम कर रहा है. 

आपको बता दें, एथेंस मैराथन को पूरा करना किसी के लिए भी आसान नहीं है. यह रास्ता मैराथन के मकबरे से शुरू होकर पहाड़ी रास्तों से गुजरता है और में एथेंस के पानाथिनाइक स्टेडियम में खत्म होता है. यह शारीरिक के साथ-साथ मानसिक दौड़ भी है. और कुछ ही लोग इसे पूरा कर पाते हैं. 
 

 

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