भारी बर्फबारी में सेना के जवान बने देवदूत ...4 महीने की गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट कर पहुंचाया अस्पताल

भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जिला प्रशासन के समय पर संयुक्त प्रयासों से कुपवाड़ा जिले के बर्फीले डूडी गांव, मच्छल सेक्टर से गंभीर चिकित्सा स्थिति में एक गर्भवती महिला को एयरलिफ्ट किया गया. उसे तत्काल मदद पहुंचाई गई और अस्पताल में भर्ती कराया गया.

Kupwada District pregnant woman help
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:58 AM IST

सेना के जवान जिस तरह से कड़ाके की सर्दी और बर्फबारी वाले इलाकों में तत्पर खड़े रहते हैं और दूरदराज के इन इलाकों में रह रहे लोगों की मदद करते हैं वो किसी तारीफ से कम नहीं है. ऐसा ही एक कारनामा फिर से सेना ने किया है.सेना, वायु सेना और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के मचल सेक्टर के बर्फीले डूडी गांव से एक गर्भवती महिला को गंभीर हालत में एयरलिफ्ट किया गया.

गंभीर थी हालत
सेना ने मंगलवार को कहा कि माचल सेक्टर के डूडी में स्थानीय सेना इकाई को डूडी गांव के सरपंच का फोन आया जिसमें बताया गया कि चार महीने की गर्भवती 35 वर्षीय जरीना बेगम की हालत गंभीर है. सेना ने कहा कि 7 जनवरी से 14 जनवरी तक बहुत ज्यादा बर्फबारी के कारण वर्तमान में पूरा माचल सेक्टर कट गया है, इसलिए विशेषज्ञ चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए सतही परिवहन को खारिज कर दिया गया.

तुरंत पहुंचाई मदद
सेना ने कहा, "भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना और जिला प्रशासन द्वारा तत्काल संयुक्त योजना बनाई गई और इस तत्काल मानवीय प्रयास के लिए कश्मीर घाटी में परिचालन ड्यूटी पर भारतीय वायुसेना के विमानों को डायवर्ट करके तेजी से हवाई निकासी की योजना बनाई गई." वहीं जिला प्रशासन ने तत्काल चिकित्सा आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए तत्काल मांग की, एओसी जम्मू-कश्मीर ने हवाई निकासी के लिए तत्काल मंजूरी दे दी. डूडी में सेना के जवानों ने गर्भवती महिला को जल्दी से डूडी आर्मी हेलीपैड पहुंचाया और वायु सेना के अधिकारियों ने विंग कमांडर एन. चौधरी और स्क्वाड्रन लीडर ए. पांडे द्वारा चलाए जा रहे एमआई-17 हेलीकॉप्टर को तुरंत घटनास्थल पर भेज दिया.

“इसके बाद, गंभीर रूप से बीमार गर्भवती महिला को उसके पति और दो महिला रिश्तेदारों के साथ कुपवाड़ा में सेना के हेलीपैड पर ले जाया गया. कुपवाड़ा आर्मी हेलीपैड पर आर्मी इमरजेंसी मेडिकल रिस्पांस टीम ने कार्यभार संभाला और उसे स्थिर कर बाद में उसे आगे की चिकित्सा के लिए जिला अस्पताल कुपवाड़ा पहुंचाया.

 

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