नेकी हो तो ऐसी! 26 प्राइवेट बस मालिकों ने इकट्ठा की अपनी एक दिन की कमाई ताकि बचा सकें एक्सीडेंट में घायल युवक की जान

केरल में एक प्राइवेट बस में काम करने वाले 21 साल के श्यामजीत एक सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए और फिलहाल, अस्पताल में भर्ती हैं. उनके इलाज के लिए प्राइवेट बसों के ड्राइवर्स ने अपनी एक दिन की कमाई इकट्ठा करने का फैसला किया है.

Representational Image (Photo: Flickr)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 18 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST
  • अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं श्यामजीत
  • मदद के लिए आगे आए बस ड्राइवर्स

लोग अगर साथ मिलकर काम करें तो कोई भी बड़ी समस्या हल की जा सकती है. और इस बात का उदाहरण केरल में देखने को मिला. केरल में कुछ निजी बस ड्राइवर्स ने मिलकर एक 21 वर्षीय दुर्घटना पीड़ित की मदद करने का फैसला किया. बुधवार को, पुकट्टुपडी-एर्नाकुलम और पेरुंबवूर मार्गों पर चलने वाली 26 बसों के ड्राइवर्स ने एक सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल श्यामजीत के इलाज के लिए पैसे इकट्ठे किए.
 
श्यामजीत एक प्राइवेट बस इरफान में डोर चेकर के रूप में काम करते थे. रविवार को वह बाइक पर थे और रास्ते में एक कार से टक्कर होने के कारण बुरी तरह से घायल हो गए. श्यामजीत अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं. बस इरफान के मालिक राजीव एस ए ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि श्यामजीत की मदद के लिए बहुत से बस ड्राइवर आगे आए हैं. 

2 लाख रुपए जमा करने का लक्ष्य
राजीव का कहना है कि उनका लक्ष्य कम से कम 2 लाख रुपये इकट्ठा करना है. अब तक, 1.5 लाख रुपये का बिल आ चुका है और श्यामजीत को अभी होश नहीं आया है. उन्होंने कहा कि हालांकि उनके इकट्ठे किए हुए पैसे शायद ही पर्याप्त रहेंगे. लेकिन उन्होंनेमदद की शुरुआत की है. आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार से ताल्लुक रखने वाले श्यामजीत अपनी मां अजिता के साथ रहते हैं. 

अजिता घर चलाने के लिए दूसरों के घरों में काम करती हैं. श्यामजीत बहुत छोटा था जब उसके पिता ने उनके परिवार को छोड़ दिया था और तब से परिवार अपने गुजारे के लिए संघर्ष कर रहा है. श्यामजीत के दो और भाई-बहन हैं. लेकिन गुजारा मुश्किल था तो उनकी मां ने उनकी बहन को अनाथ आश्रम में दे दिया था. जहां अब उसकी शादी करा दी गई है. 

और भी बस ड्राइवर्स आए मदद के लिए आगे
श्यामजीत के भाई को उनके एक दूर के रिश्तेदार ने गोद ले लिया था. आज के समय में कोई नहीं जो श्यामजीत और उनकी मां की मदद करे. कोरोना महामारी में उनकी मां का काम भी छूट गया था. ऐसे में, राजीव ने श्यामजीत को अपनी बस में नौकरी दी. राजीव का कहना है कि श्यामजीत बहुत ही नेक दिल है. 

इसलिए 26 बसों के ड्राइवर्स ने अपनी एक दिन की कमाई उसके इलाज के लिए इकट्ठा की है. और अब दूसरे बस ड्राइवर्स भी इस मुहिम में जुड़ रहे हैं. 

 

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