पारंपरिक खेती के साथ अपनाए मॉडर्न तरीके, 700 से ज्यादा किसानों को दी ट्रेनिंग, 12वीं पास किसान को मिला Innovative Farmer Award

यह पहली बार नहीं है जब करनैल सिंह को खेती के लिए सम्मान मिला है. साल 2013-14 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें इन इनोवेटिव तरीकों से तरबूज, खरबूज और मशरूम आदि उगाने के लिए सम्मानित कर चुके हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 26 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

पंजाब में फाजिल्का जिले के घाटिया वली बोदला गांव के प्रगतिशील किसान करनैल सिंह को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने "इनोवेटिव फार्मर अवार्ड" से सम्मानित किया. यह पुरस्कार उन्हें नई दिल्ली में किसान मेले के दौरान दिया गया. करनैल सिंह इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पंजाब के एकमात्र किसान हैं. 

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब उन्हें खेती के लिए सम्मान मिला है. साल 2013-14 में तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भी उन्हें इन इनोवेटिव तरीकों से तरबूज, खरबूज और मशरूम आदि उगाने के लिए सम्मानित कर चुके हैं. अब वह मॉडर्न तरीकों से खेती करते हुए अपने गांव के लड़कों और लड़कियों को पढ़ाई और खेती करने के लिए गाइड कर रहे हैं. उनके अपने गांव में 17 लड़कों ने बीएससी (एग्रीकल्चर) किया है.

12वीं तक की है पढ़ाई 
करनैल सिंह ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है.  अब वह युवाओं को बीएससी (एग्रीकल्चर) करने की सलाह देते हैं. युवा इस शिक्षा का उपयोग खेतों में कर सकते हैं या कृषि के क्षेत्र में अच्छी नौकरियां ले सकते हैं. उनका एक भतीजा पीएचडी करने के बाद अब पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है और दूसरा बीएससी के दूसरे साल में है. 

उनका कहना है कि जब तक हम अपना ज्ञान नहीं बढ़ाएंगे तब तक खेती में फायदा नहीं कमा सकते हैं. खेती करना भी एक विज्ञान है. इसलिए, किसानों को खेती करते समय उस ज्ञान को इस्तेमाल करने की ज़रूरत हैं. 

खड़ा किया अपना ऑइल ब्रांड
करनैल सिंह संयुक्त परिवार में रहते हैं. उनके पास गांव में कुल मिलाकर 22 एकड़ जमीन है. इसपर वह धान की खेती करते हैं लेकिन पराली नहीं जलाते. दूसरे गांव नें छह एकड़ जमीन पर वह दूसरे किसानों से कनोला सरसों की खेती करवाते हैं और इसका बीज वह कृषि विज्ञान केंद्र से खरीदते हैं. वह फाजिल्का में ही सरसों का तेल निकलवाकर, इसे 'पंजाब ऑयल' ब्रांड नाम से बेचते हैं. लुधियाना में चंडीगढ़ रोड पर उनका एक रिटेल आउटलेट है और किसान मेलों या अन्य कृषि प्रदर्शनियों में भी वह उत्पाद बेचते हैं. 

कर रहे हैं मछली पालन भी
उन्होंने कहा कि धान की पराली का आधा हिस्सा खेतों में ही गला दिया जाता था और आधा हिस्सा डेयरी किसानों या गौशालाओं को मवेशियों के चारे के रूप में दे दिया जाता था. पारंपरिक खेती के अलावा, उन्होंने मछली पालन में भी योगदान दिया है क्योंकि उनके पास एक मछली तालाब भी है. किसान जागरूकता कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल सिंह ने 700 से अधिक किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों पर शिक्षित किया है. 

करनैल सिंह गेहूं, धान, मौसमी सब्जियां, फल उगा रहे हैं जबकि सरसों की खेती ठेके पर करवा रहे हैं. वह किसानों के लिए एक लीडर हैं. सिंह ने फाजिल्का में "केवीके सिफेट किसान क्लब" की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां वह किसानों को नई कृषि तकनीकों, जैविक खेती, जल संरक्षण और उच्च उपज वाले बीजों के उपयोग के बारे में शिक्षित करते हैं. 

 

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