जानिए कौन हैं पूर्णिमा देवी बर्मन, TIME’s Women of the Year list 2025 में शामिल होने वाली इकलौती भारतीय महिला

डॉ. बर्मन का वन्यजीवन संरक्षण को लेकर एक अनूठा दृष्टिकोण है. उन्होंने महिला सशक्तिकरण के साथ वन्यजीव संरक्षण को जोड़कर एक सस्टेनेबल और कम्यूनिटी आंदोलन बनाया है.

Purnima Devi Barman
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 24 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST

डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन को वन्यजीवन संरक्षण में उनके योगदान को सम्मान देते हुए TIME की साल 2025 की महिलाओं की सूची में नामित किया गया है. असम की वाइल्डलाइफ बायोलॉजिस्ट इस लिस्ट में शामिल एकमात्र भारतीय महिला हैं. उन्हें लुप्तप्राय ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क (हरगिला) को बचाने के अपने प्रयासों के लिए जाना जाता है. उन्होंने इस प्रजाति और  उनके आवास की सुरक्षा के लिए समर्पित एक पूर्ण महिला संरक्षण समूह, हरगिला आर्मी बनाया है. 

डॉ. बर्मन का वन्यजीवन संरक्षण को लेकर एक अनूठा दृष्टिकोण है. उन्होंने महिला सशक्तिकरण के साथ वन्यजीव संरक्षण को जोड़कर एक सस्टेनेबल और कम्यूनिटी आंदोलन बनाया है. उनके काम नेएक लुप्तप्राय (एंडेंजर्ड) प्रजाति को बचाया है और अंतर्राष्ट्रीय संघ के तहत आधिकारिक तौर पर इसका स्टेट्स "खतरे के करीब" (near threatened) में बदल दिया है. साथ ही, उन्होंने यह साबित किया है कि संरक्षण और सामाजिक प्रगति साथ-साथ चल सकती है. 

घर से मिली प्रकृति प्रेम की शिक्षा 
असम में जन्मी और पली बढ़ी पूर्णिमा देवी बर्मन को बचपन से ही प्रकृति से गहरा प्रेम था. ब्रह्मपुत्र नदी के पास पली-बढ़ी, पूर्णिमा को उनकी दादी ने पक्षियों और जैव विविधता के बारे में शिक्षा दी. इस जुनून से प्रेरित होकर उन्होंने गौहाटी विश्वविद्यालय में जूलॉजी में मास्टर डिग्री हासिल की. संरक्षण में उनका काम 2007 से शुरू हुआ. 

टाइम मैगज़ीन पर उनकी प्रोफ़ाइल के अनुसार, असम में लोकल लोग गरगिला को एक बुरा शगुन मानते थे और अक्सर इसके घोंसलों को नष्ट कर देते थे. उन्हें लगा कि इस धारणा को बदलने की जरूरत है. उन्होंने पक्षियों की रक्षा और स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए जमीनी स्तर पर आंदोलन शुरू किया. 

हरगिला सेना
बर्मन की हरगिला सेना लगभग 10,000 महिलाओं का एक समूह है जो हरगिला (ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क) के प्रजनन स्थलों की सुरक्षा में मदद करती है. ये महिलाएं लोगों को घायल पक्षियों को बचाने, पेड़ लगाने के साथ-साथ संरक्षण के बारे में शिक्षित करती हैं. इसके अलावा, बर्मन ने महिलाओं को आर्थिक तौर पर स्वतंत्र बनाने के लिए सारस-थीम वाली कढ़ाई के कपड़े बनाने का काम शुरू किया. 

प्रमुख उपलब्धियां और वैश्विक मान्यता
डॉ बर्मन को उनके काम के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले हैं:

  • नारी शक्ति पुरस्कार (2017) - महिलाओं के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार.
  • चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड (2022) - संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान, संरक्षण में उनकी उद्यमशीलता के लिए प्रदान किया गया.
  • व्हिटली गोल्ड अवार्ड (2024) - इसे 'ग्रीन ऑस्कर' के रूप में भी जाना जाता है. यह जैव विविधता संरक्षण पर उनके प्रभाव को मान्यता देने के लिए दिया गया. 

TIME की लिस्ट में उनका नाम निकोल किडमैन, जॉर्डन चाइल्स और क्लेयर बैबिनॉक्स-फोंटेनोट जैसे ग्लोबल चेंजमेंकर्स के साथ शामिल हुआ है. टाइम इन महिलाओं को 25 फरवरी, 2025 को लॉस एंजिल्स में वुमन ऑफ द ईयर लीडरशिप फोरम और गाला में सम्मानित करेगा. 

 

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