Uttar Pradesh: कार के अंदर हेलमेट नहीं पहनने पर कटा 1000 का चालान, यूपी के इस व्यक्ति ने लगाई कोर्ट में गुहार

तुषार ने पहले-पहल इसपर ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर उन्हें ईमेल और एक अन्य मैसेज में इसकी जानकारी मिली. जब तुषार ने ई-चालान वेबसाइट पर चालान का विवरण पढ़ा तो उन्हें पता चला कि कार के अंदर हेलमेट न पहनने पर उन्हें 1000 रुपए का जुर्माना भरना होगा.  

Tushar Saxena Rampur received challan for not wearing a helmet inside his car
gnttv.com
  • रामपुर,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 8:23 AM IST

रामपुर के रहने वाले एक कार मलिक का दावा है कि गौतम बुद्ध नगर पुलिस ने कार के अंदर हेलमेट न पहनने के लिए उनका चालान काटा है. दिलचस्प बात यह है कि कार मालिक तुषार सक्सेना कभी गौतम बुद्ध नगर गए ही नहीं हैं. तुषार के जीवन में यह सिरदर्द तब आया जब उन्हें उनके फोन पर चालान काटे जाने का एक मैसेज मिला.

यूपी पुलिस का 'कार'नामा
तुषार बताते हैं कि पहले-पहल उन्होंने इसपर ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर उन्हें ईमेल और एक अन्य मैसेज में इसकी जानकारी मिली. बार-बार संदेश मिलने पर तुषार ने ट्रैफिक पुलिस से संपर्क किया. पुलिस ने कहा कि अगर उन्होंने यह चालान नहीं भरा तो उनको अदालत तक जाना पड़ सकता है. 

जब तुषार ने ई-चालान वेबसाइट पर चालान का विवरण पढ़ा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. उनकी कार के नंबर के साथ कटे चालान पर लिखा था कि उन्हें हेलमेट पहने बिना वाहन चलाने के लिए 1000 रुपए का जुर्माना भरना होगा. 

तुषार सक्सेना का चालान

रामपुर के रहने वाले हैं तुषार
गौतम बुद्ध नगर से 200 किलोमीटर दूर रामपुर जिले में रहने वाले कार मलिक की समझ में नहीं आ रहा कि आखिर वह कैसे इस मुश्किल से छुटकारा पाएं. वह नोएडा के ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि इस मामले की जांच की जाए और उन्हें इस दुविधा से मुक्ति दिलाई जाए. तुषार कहते हैं, "मेरे पास नौ नवंबर 2023 को सुबह 8:47 पर चालान कटने का संदेश आया. मेरे साथ जो घटना हुई है उसे सुनकर कोई भी हंसेगा. मैं कभी नोएडा या गौतम बुद्ध नगर नहीं गया. मेरी गाड़ी एनसीआर की तरफ कभी गई ही नहीं." 

वह कहते हैं, "जब मेरे पास पहला मैसेज आया तो मैंने उस पर गौर नहीं किया. फिर मेरे पास एक मेल आता है, जिसमें लिखा था कि हेलमेट न पहनने के लिए मेरा चालान कटा है. आप मुझे बताइए कि क्या मैं कार के अंदर हेलमेट लगाकर घूमूं? अगर ऐसा कोई नियम है तो मुझे लिखित में दिया जाए." 

जब तुषार से पूछा गया कि नवंबर का चालान अब कैसे सामने आया, तो उन्होंने कहा, "मेरे एक परिचित ट्रैफिक पुलिस में है. उनके साथ जब मेरा मिलना हुआ तो उन्होंने मुझे बताया कि अगर चालान की प्रक्रिया लंबी हो जाती है तो मामला कोर्ट में चला जाता है. फिर कोर्ट के मामले पर संज्ञान लेना चाहिए इसलिए मैंने अब इस मामले में ज्यादा देर न करने का फैसला लिया है. इस घटना का जांच होनी चाहिए." 

पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जहां ट्रैफिक पुलिस ने बिना हेलमेट के कार चलाने पर लोगों का चालान काटा है. मई 2020 में झांसी के रहने वाले बहादुर सिंह परिहार का चालान इसलिए काट दिया गया था क्योंकि वह बिना हेलमेट के अपनी ऑडी कार चला रहे थे.

जब उन्होंने पुलिस से संपर्क किया तो उनसे कहा गया कि इस मामले से लोकसभा चुनाव के बाद निपटा जाएगा. इसके बाद परिहार हेलमेट पहनकर ही कार चलाते थे. 

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