हुनर को सलाम! पतंग के धागे पर वंदे मातरम से लेकर उंगलीभर की किताब में पूरी पॉलिटिकल पार्टी की योजनाएं लिखने वाले थ्रेड आर्टिस्ट की कहानी

32 साल के अतुल कश्यप बीएससी ग्रेजुएट हैं. जो हुनर आज उनके पास है उन्होने कभी भी इसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली. इससे पहले वे एक मोबाइल कंपनी में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में उनकी जॉब चली गई. उसके बाद उन्होंने अपने पैशन को फॉलो करना शुरू किया. इसके पहले अतुल ने साल 2005 में पहली बार एक सरसों के दाने पर 'आई लव माय इंडिया' लिखा था. अतुल कहते हैं इस काम में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लग गया था लेकिन अब अपने हुनर को ऐसा सवांरा कि अब मुश्किल से मुश्किल काम में भी उन्हें 25 मिनट से ज्यादा नहीं लगते हैं.

अतुल कश्यप
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 26 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:04 AM IST
  • एक पतंग के धागे पर राष्ट्रीय गीत लिखने का रखते हैं हुनर 
  • इसके लिए कभी नहीं ली कोई ट्रेनिंग 

इसे हुनर की बारीकी कहिए या बारीकी का हुनर… अतुल कश्यप दोनों ही बातों पर एकदम फिट बैठते हैं. 32 साल के अतुल कश्यप ने वो तमाम सारी चीजें अपने हाथों से बना कर रख दी हैं जिनको पढ़ने में आपकी आंखों को बहुत मशक्कत करनी पड़ सकती है. कभी पतंग के धागे पर वंदे मातरम लिख दिया तो कभी अरविंद केजरीवाल का ऐसा स्केच बना दिया, जो आपको देखने में स्केच-सा लग सकता है लेकिन इस तस्वीर को ध्यान से देखें तो इसमें अरविंद केजरीवाल की पूरी जीवनी लिखी हुई है.

अतुल कश्यप ऐसे ही बारीक लेखन के लिए सालों से मेहनत करते आ रहे हैं. वे इस काम को अपना पेशा नहीं बना सके, लेकिन वह इसे अपना पैशन जरूर मानते हैं.

इसके लिए कभी नहीं ली कोई ट्रेनिंग 

32 साल के अतुल कश्यप बीएससी ग्रेजुएट हैं. जो हुनर आज उनके पास है उन्होने कभी भी इसके लिए कोई ट्रेनिंग नहीं ली. इससे पहले वे एक मोबाइल कंपनी में काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन में उनकी जॉब चली गई. इसके बाद कई महीने तक उन्हें खाली बैठना पड़ा. इस लॉकडाउन को उन्होंने अवसर बना लिया. अतुल कहते हैं, “उसी वक्त मैंने अपने पैशन को फॉलो करना शुरू किया और दोबारा से अपने हुनर को निखारना शुरू किया.” 

एक पतंग के धागे पर राष्ट्रीय गीत लिखने का रखते हैं हुनर 

बता दें, इसके पहले अतुल ने साल 2005 में पहली बार एक सरसों के दाने पर 'आई लव माय इंडिया' लिखा था. अतुल कहते हैं इस काम में 6 महीने से ज्यादा का वक्त लग गया था लेकिन अब अपने हुनर को ऐसा सवांरा कि अब मुश्किल से मुश्किल काम में भी उन्हें 25 मिनट से ज्यादा नहीं लगते हैं.

आपको बता दें, अतुल पतंग के महीन धागे पर भी एक पूरा राष्ट्रीय गीत लिखने का हुनर रखते हैं. इतना ही नहीं अतुल ने नाखून के बराबर बुक बनाई है. 150 पेज की इस बुक में उन्होंने हनुमान चालीसा लिखी. दुनिया का सबसे छोटा लकड़ी का लूडो बनाया. बारीक-सा दिखने वाला टेबल टेनिस बनाया. सुई के एक छोटे से छेद में 80 से ज्यादा धागे डाल दिए.

गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में करवाना चाहते हैं नाम दर्ज 

अतुल का सपना है कि वह गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाएं. लेकिन वह कहते हैं कि इसके लिए फीस बहुत ज्यादा है जो वह अफोर्ड नहीं कर सकते. अतुल कहते हैं कि उन्हें दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार दोनों से मदद के लिए अपील भी लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली. फिलहाल कहीं से मदद मिले या न मिले अतुल अपने जज्बे को कायम रखे हुए हैं और लगातार अपने शौक और जुनून को पूरा करने में लगे हैं. 

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