गणतंत्र दिवस के मौके पर बतौर चीफ गेस्ट इंडिया आए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (French President Emmanuel Macron ) ने पीएम मोदी (PM Modi) के साथ कुल्हड़ वाली चाय का लुत्फ उठाया. दोनों ने जयपुर के मशहूर साहू टी-स्टॉल पर चाय पर चर्चा की. इस दौरान प्रधानमंत्री ने मैक्रों को बताया कि कुल्हड़ सबसे ज्यादा एन्वायरनमेंट फ्रेंडली बर्तन है.
एएनआई से बात करते हुए चाय स्टॉल के मालिक राज कुमार साहू ने कहा, "हमने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और पीएम मोदी को पारंपरिक साहू चाय परोसी. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने हमारी चाय की तारीफ की और पेमेंट के लिए यूपीआई का इस्तेमाल किया.
क्या है इस चाय की दुकान का इतिहास
साहू चाय वाले की दुकान जयपुर में 1968 से चल रही है. जयपुर की चारदीवारी के चौड़ा रास्ता बाजार में यह दुकान है. लाधू राम ने जयपुर के इस टी स्टॉल की स्थापना की थी. जयपुर की चारदीवारी के मेन बाजार में पीपल के पेड़ के नीचे बना ये टी स्टॉल हमेशा लोगों से भरा हुआ रहता है. लाधू राम ने साहू टी स्टॉल तब खोला था जब जयपुर अभी चारदीवारी तक ही सीमित था. धीरे-धीरे ये जगह टी लवर्स, पॉलिटिकल डिबेट्स और जलपान के लिए फेमस हो गई.
हर समय और हर मौसम में तैयार मिलती है चाय
धीरे-धीरे जयपुर का विस्तार हुआ लेकिन लोगों की पसंदीदा 'साहू की चाय' ने अपना स्वाद और क्लास बरकरार रखा. इस दुकान पर सुबह 5 बजे से चाय मिलने लगती है. कुछ लोग दुकान खुलने के बाद से ही वहां आकर बैठते हैं. कई लोग यहां दोस्तों से मिलने आते हैं. कई लोग ताजगी भरी चाय का आनंद लेने यहां आते हैं तो कई लोग रोजाना 'साहू की चाय' का स्वाद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं. हर समय और हर मौसम में यहां चाय तैयार रहती है. सुबह से रात तक साहू की चाय तैयार रहती है. यहां पर सुबह-सुबह गोविन्द देव मंदिर में दर्शन करने के बाद भक्त चाय पीते हैं.
कोयले की धीमी आंच पर पकाई जाती है चाय
अगर कोई पूछे कि ऐसी कौन सी चीज है जिसके बिना जयपुर के लोग नहीं रह सकते, तो जवाब होगा साहू की चाय. जयरपुर में रहने वाले हर एक शख्स ने एक बार साहू की चाय जरूर पी होगी. यहां पर जलते कोयले की धीमी आंच पर चाय तैयार की जाती है. इसी के कारण चाय का स्वाद अनोखा लगता है. कुछ लोगों का तो यहां कहना है कि स्टॉल के मालिक चाय का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें एक सीक्रेट इंग्रीडिएंट मिलाते हैं.
पीएम मोदी पहले भी उठा चुके हैं यहां की चाय का लुत्फ
चाय का स्वाद तब और बढ़ जाता है जब इसे शिकोरा या कुल्हड़ में दिया जाता है. जयपुर में साहू टी स्टॉल सुबह 5 बजे से चाय देना शुरू कर देता है और रात 10 बजे तक खुला रहता है. लैंडमार्क: गोलचा सिनेमा के बगल में, साईं बाबा मंदिर के सामने. इस दुकान पर अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे और बीजेपी के कई दिग्गज नेता चाय का लुत्फ उठा सकते हैं. कई सेलिब्रिटीज भी यहां चाय का आनंद लेने आते हैं. पीएम मोदी जब गुजरात के CM थे तब भी उन्होंने यहां की चाय का आनंद लिया था.
भारत में चाय का इतिहास
चाय भारत की देन नहीं है. इसे ब्रिटिश लोग अपने साथ लेकर आए थे और तब से लेकर अब तक इसमें कई बदलाव हुए और आखिरकार, अब यह भारतीय चाय के रूप में दुनियाभर में मशहूर है. एक कहानी के अनुसार करीब 2700 ईसापूर्व चीनी शासक शेन नुंग अपने बगीचे में बैठकर गर्म पानी पी रहे थे. तभी एक पेड़ की पत्ती उस पानी में आ गिरी जिससे पानी का रंग बदल गया और इसकी खुशबू भी लुभावनी लगी. राजा ने जब इसे चखा तो उन्हें इसका स्वाद बड़ा पसंद आया और इस तरह चाय का आविष्कार हुआ.