रिसर्च: डेटिंग के मामले में सीनियर सिटीजन्स आगे, तोड़ रहे स्टीरियोटाइप, छोटे कस्बों के लोगों में ऑनलाइन डेटिंग का चलन ज्यादा

हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जब बात प्यार की हो तो उम्र मायने नहीं रखती. अब सभी उम्र के लोग खासकर सीनियर सिटीजन साथी तलाशने में नहीं कतराते. इन लोगों में सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन्स शामिल हैं जिन्हें बूमर्स भी कहा जाता है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:30 PM IST

हमारे देश में Dating Apps की इंडस्ट्री लगभग 3 हजार 700 करोड़ रुपये की है, जो अगले दो सालों में बढ़कर लगभग साढ़े 6 हजार करोड़ रुपये की हो जाएगी. भारत में इस समय लगभग 3 करोड़ लोग Dating Apps का इस्तेमाल कर रहे हैं, इनमें से ज्यादातर बुजुर्ग हैं. हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बात सामने आई है कि जब बात प्यार की हो तो उम्र मायने नहीं रखती. अब सभी उम्र के लोग खासकर सीनियर सिटीजन साथी तलाशने में नहीं कतराते. इन लोगों में सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन्स शामिल हैं जिन्हें बूमर्स भी कहा जाता है.

बूमर्स अब इस बात को एक्सेप्ट करने में भी नहीं हिचकिचाते कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती. करण जौहर की फिल्म रॉकी और रानी की प्रेम कहानी में इस पक्ष को भी बड़ी सहजता से दिखाया गया है.

छोटे कस्बों के लोगों में ऑनलाइन डेटिंग का चलन ज्यादा
डेटिंग ऐप क्वैकक्वैक इस्तेमाल करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या हर दिन बढ़ रही है. कई बुजुर्ग इसके जरिए अपना प्यार तलाशने की कोशिश कर रहे हैं. क्वैकक्वैक एप का इस्तेमाल करने वाले महानगरों और छोटे शहरों के कुल 6,000 लोगों पर ये सर्वे किया गया. इस सर्वे में शामिल प्रतिभागियों की उम्र 50 से 68 वर्ष के बीच थी. इनमें से ज्यादातर रिटायर हो चुके थे. सर्वे के नतीजे दिखाते हैं कि समाज में अब बदलाव है...खासकर किसी भी उम्र में डेटिंग को लेकर.

सर्वे में क्या पाया गया?
सर्वे में ये पाया गया कि जब डेटिंग की बात आती है तो वरिष्ठ लोग कई चीजें देखते हैं. जब हम सेवानिवृत्त लोगों की बात करते हैं तो समाज उनसे उम्मीद करता है कि वे किसी योगा क्लब या स्प्रीचुअल इवेंट का हिस्सा बनें. लेकिन हम सभी जानते हैं कि जब उम्र बढ़ती है तो प्यार की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. सर्वे के अनुसार शहरों के 50 से 65 वर्ष की उम्र के बीच के 34% पुरुष डेटर्स ने बताया कि कैसे ऑनलाइन डेटिंग उनकी जिंदगी में बदलाव लेकर आई. इनमें से 7% पुरुष विधवा हैं, 9% तलाकशुदा हैं और 18% ऐसे हैं जिन्होंने कभी शादी नहीं की. उन्होंने छोटे शहरों में डेटिंग की कठिनाइयों के बारे में भी बताया. इस उम्र की महिलाओं पर पुरुषों की तुलना में समाज का दबाव ज्यादा होता है. लेकिन डेटिंग एप्स के जरिए उम्र के इस पड़ाव में भी इन्होंने स्टीरियोटाइप तोड़ते हुए प्यार खोजने की कोशिश की. इस सर्वे में 50 साल से ज्यादा उम्र की 27 % महिलाओं ने सच्चे प्यार के बजाय हेल्दी रिलेशन की जरूरत महसूस की.

8% प्रतिभागियों को ऐप पर मिला सच्चा प्यार
बहुत से लोगों को लगता है कि डेटिंग ऐप्स युवाओं के लिए बने हैं, लेकिन यह सच नहीं है. ऐसे कई मामले देखने तो मिलेंगे जब बुजुर्गों को डेटिंग ऐप्स के जरिए सच्चा प्यार मिला. सर्वे में 8% प्रतिभागियों ने दावा किया है कि उन्हें ऐप पर सच्चा प्यार मिला है. 12% महिलाओं ने बताया कि डेटिंग एप्स के जरिए उन्हें परिवार जैसे दोस्त मिले हैं.

 

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