सिक्किम वन और पर्यावरण विभाग ने हाल ही में एक विश्व रिकॉर्ड बनाया है. ट्रैप कैमरा कैप्चर के साथ इस नए राष्ट्रीय और विश्व रिकॉर्ड को बनाया गया है. क्योंगनोसला (Kyongnosla) में समुद्र तल से 3,966 मीटर की ऊंचाई पर खींची गई एक रॉयल बंगाल टाइगर की तस्वीर ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड हासिल किया, जबकि पंगोलाखा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी (Pangolakha Wildlife Sanctuary) में 3,568 मीटर की ऊंचाई पर ली गई गौर की तस्वीर ने विश्व रिकॉर्ड बनाया. दरअसल, इतने ऊंचाई वाले इलाकों में जीव-जंतु मिलना अपने आप में ताज्जुब की बात है. लेकिन सिक्किम में खींची गई इन तस्वीरों ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है.
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
भारतीय वन्यजीव संस्थान के साथ मिलकर सिक्किम वन विभाग ने रणनीतिक रूप से ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ट्रैप कैमरे लगाए थे. इस पहल का उद्देश्य बड़े स्तनधारियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझना है. जैसे ही इन कैमरों से तस्वीरें मिलीं, क्योंगनोसला और पंगोलाखा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी के ऊपरी इलाके में कई बाघ देखे गए.
ऊंचाइयों पर दिखे बाघ
गंगटोक जिले के क्योंगनोसला सैंक्चुअरी में 3,966 मीटर की ऊंचाई पर बाघ देखे जाने का राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना है. यह भूटान के रिकॉर्ड के बाद विश्व स्तर पर दूसरे सबसे ज्यादा बाघ देखे जाने का मामला है.
ट्रैप कैमरे से ली तस्वीर
वहीं, पाकयोंग जिले में स्थित पंगोलाखा वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में, 3,568 मीटर की ऊंचाई पर एक इंडियन बाइसन, जिसे आमतौर पर गौर कहा जाता है, भी देखा गया. इसे एक ट्रैप कैमरे की मदद से कैप्चर किया गया है. ये तरह का विश्व रिकॉर्ड बन गया है. क्योंकि ऐसा बहुत दुर्लभ है जब इतनी ऊंचाई पर इतनी बड़ी मवेशी प्रजाति मिली हो.
बता दें, बाघ और गौर के अलावा, ट्रैप कैमरों ने सांभर, ढोले (जंगली कुत्ता), हिमालयी काला भालू, कस्तूरी मृग और सीरो सहित कई दूसरे वन्यजीव प्रजातियों की तस्वीरें कैद कीं.