सीता चालीस साल की हैं और कालका जी मेट्रो स्टेशन के बाहर ऑटो रिक्शा चलाती हैं. सीता सुबह दस बजे से शाम के सात बजे तक ऑटो रिक्शा चलाती हैं. सीता के साथ-साथ बीस से ज्यादा महिलाएं भी अब कालका जी मेट्रो स्टेशन के बाहर ऑटो रिक्शा चलाती हैं. इन महिलाओं के साथ-साथ इनका ऑटो रिक्शा भी खास है. इनकी बनावट बाकी ऑटो से काफी अलग है, ये ऑटो इलेक्ट्रिक हैं जो पर्यावरण के भी अनुकूल हैं.
ऑटो रिक्शा चलाकर परिवार को पालती है
सीता ने Good News Today से बात करते हुए बताया जब वो ये ऑटो दिल्ली की सड़कों पर चलाती हैं तो बहुत से लोग उन्हें आश्चर्य से देखते हैं. कभी-कभी कुछ महिलाएं उनसे पूछती हैं कि वो कैसे ये काम कर सकती हैं, सीता ने बताया कि ऋतु मैडम ने उन्हें इस ऑटो रिक्शा के बारे में बताया और उन्हें ऑटो रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग भी दिलवाई. अब सीता अपने साथ और भी महिलाओं को इसकी जानकारी देती हैं. सीता के साथ अब छोटी उम्र की लड़कियां भी जुड़ने लगी हैं 20 साल की नीतू भी सीता के साथ-साथ मिलकर ऑटो रिक्शा चलाती है और अपने परिवार को पालती है.
सीता को मिली सपनों की सवारी
सीता का जीवन कठिनाइयों से भरा रहा है. सीता गरीब परिवार से आती हैं. माता-पिता के पास ज्यादा पैसे न होने की वजह से अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई. सीता सिर्फ नवीं तक पढ़ी है. महज 13 साल की उम्र में सीता की शादी करा दी गई. कठिनाइयों के बीच सीता अपने बच्चों के साथ दिल्ली आ गई और घरों में खाना बनाकर, सफाई करके अपने बच्चों को पालने लगी. अब सीता को अपने सपनों की सवारी मिल गई है. सीता अब अपने बच्चों को अच्छे कॉलेज में पढ़ाने में सक्षम हैं और समाज में फक्र के साथ जी रही हैं.