बिहार में पूरी तरह शराबबंदी है. 1 अप्रैल, 2016 से बिहार में पूरी तरह शराबबंदी कानून लागू हो गया था. बिहार में शराब बेचना, पीना और रखने के अलावा इसका किसी प्रकार से बिक्री और वितरण करने पर रोक लग गया था. बिहार में हालांकि जहरीली शराब पीने से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. बिहार सरकार चारों तरफ से आलोचना झेल रही है. उसके बावजूद बिहार में शराबबंदी कानून लागू है और शराबखोरों के अलावा शराब माफिया को पकड़ने के लिए सिस्टम कई तरह के प्रयोग कर रहा है. आज हम आपको मिलवाते हैं पुलिस विभाग में नियुक्त मेडी और बॉबी की उस जोड़ी से जो भागलपुर सहित मुंगेर, जमुई, लखीसराय, खगड़िया शेखपुरा और बेगूसराय के शराबियों और माफिया के लिए काल बन गए हैं.
कौन हैं ये मेडी और बॉबी?
मेडी और बॉबी के प्रयास से पुलिस ने प्रमंडल के 6 जिलों में शराब माफियाओं का जीना मुहाल कर दिया है. पुलिस की इस सफलता का श्रेय पूरी तरह मेडी और बॉबी को दिया जा रहा है. सबसे पहले आपको बताते हैं कौन हैं ये मेडी और बॉबी जिन्होंने शराब माफियाओं का जीना दूभर कर दिया है. मुंगेर प्रमंडल को मिले मेडी और बॉबी दो हाई क्वालिटी के स्नीफर डॉग हैं. जिन्हें विशेष रूप से शराबखोरों के लिए ट्रेंड किया गया है. ये बिहार सरकार की शराबबंदी को सफल बनाने में जुटे हैं. मेडी और बॉबी को लीकर डॉग के नाम से बुलाया जाता है.
शराबियों के सूंघने में माहिर हैं मेडी और बॉबी
मेडी और बॉबी छुपाए हुए शराब को ढूंढने में इतने माहिर है कि वो दूर से ही शराबी के साथ शराब माफिया की पहचान कर लेते हैं. इनके सूंघने की क्षमता का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि जमीन के अंदर रखी शराब को ये पैरों से खोदकर निकाल लेते हैं. ये छुपाये गए शराब की बोतल, केन और ड्रम को आसानी से ढूंढ लेते हैं. इन्होंने अब तक सैकड़ों शराब की छापेमारी के ऑपरेशन में अपना सफलतापूर्वक योगदान दिया है. मैडी एवं बॉबी के सहयोग से पुलिस को शराब बरामद करने में काफी ज्यादा सफलता मिली है. शराब खोजने के एक्सपर्ट मैडी को बेहतर प्रशिक्षण को लेकर सीआईडी विभाग के एडीजी विनय कुमार के द्वारा वर्ष 2019 में प्रशस्ति पत्र देकर पुरस्कृत किया गया है.
डॉग की देखरेख के लिए कुल 10 पुलिसकर्मी हैं तैनात
मुंगेर के एसपी जग्गूनाथ जला रेड्डी मेडी और बॉबी को ढेर सारा प्यार करते हैं. वो कहते हैं कि पुलिस लाइन के ये दोनों लीकर डॉग की देखरेख के लिए कुल 10 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की गई है. ये पूरी टीम मुंगेर डीआईजी के अंडर काम करती है और रोस्टर के हिसाब से प्रमंडल के 6 जिलों में ऑपरेशन के लिए निकलती है. मेडी और डॉगी को मौसम के हिसाब से ख्याल रखा जाता है. इनकी हर जरूरत को पुलिस विभाग पूरा कर रहा है. पुलिस का कहना है कि इनकी वजह से संसाधन और समय बचता है और ये आराम से शराबखोरों को खोज लेते हैं.