आज बाजार में केसर की कीमत 3 लाख रुपये किलोग्राम से ज्यादा है. इसलिए केसर की खेती करना किसानों के लिए मुनाफे का सौदा हो सकता है. लेकिन इसकी खेती के लिए अभी तक कश्मीर सबसे उपयुक्त जगह मानी जाती रही है और अन्य प्रदेशों की जलवायु को इसकी खेती के लिए सही नहीं माना जाता है.
केसर को सिर्फ ठंडे इलाकों में ही उगाया जा सकता है. इसके लिए खास तरह की मिट्टी की जरूरत होती है. लेकिन अब कुछ लोगों के प्रयास से तस्वीर बदलने लगी है. कुछ समय पहले अमेरिकन केसर के बारे में लोगों को पता चला जिसे भारत के दूसरे इलाकों में भी उगाया जा सकता है. और वहीं अब हिमाचल प्रदेश में एक शख्स ने एक कमरे में केसर उगाकर मिसाल कायम की है.
एयरोपॉनिक्स तरीके से खेती
गौरव सबरवाल नामक एक शख्स ने सोलन में केसर की खेती के लिए 30/12 के कमरे में कश्मीर जैसी जलवायु को विकसित किया. गौरव ने पहली बार केसर खेती करने में एक बार में आठ लाख रुपये इन्वेस्ट किए हैं और अब वह अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन रहे हैं.
गौरव के मुताबिक, वह बिना मिट्टी और पानी के केसर की खेती कर रहे है. उन्होंने एयरोपॉनिक तकनीक की मदद से केसर को उगाया है. गौरव का कहना है कि पारंपरिक तरीके से खेती करने के बजाय अगर कोई एरोपोनिक तकनीक से केसर की खेती करता है तो इसकी लागत बेहद कम हो जाती है.
केसर से अब वह लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. लोग दूर-दराज से उनकी फसल को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. गौरव अब सभी को इस तरह की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है.
(राजेश शर्मा की रिपोर्ट)