Alphonso Mangoes: कहानी अल्फांसो की… भारत से सबसे ज्यादा निर्यात किया जाने वाला आम, ऐसा क्या खास है जो इतना महंगा ?

Alphonso Mango: अल्फांसो आम मुख्य रूप से भारत में रत्नागिरी में उगाए जाते हैं. इस आम की खेती करने में खास देखभाल की जरूरत होती है. इसलिए इसकी डिमांड काफी अधिक रहती है. अल्फांसो आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है. 

Alphonso mango
अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 24 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST
  • ग्राफ्टिंग से तैयार हुए थे अल्फांसो आम
  • अल्फांसो आम की त्वचा पीली होती है

गर्मियों का जिक्र हो और आम (Mangoes) की बात ना हो ये कैसे हो सकता है. गर्मी (Summer Season) का सीजन आते ही आम की डिमांड बढ़ जाती है. दुनिया में बहुत कम लोग ही ऐसे होंगे जिन्होंने अपने जीवन में कभी आम नहीं खाया होगा. भारतीय लोगों के लिए आम स्मृति का हिस्सा है. आम की चटनी, आम का अचार, आमपट्टी, आम की लस्सी, आम पन्ना और ना जानें कितने व्यजंनों में भारतीय आम का इस्तेमाल करते हैं.

अल्फांसो है आम का राजा...
भारत में आम की डेढ़ हजार से ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं. इन्हीं में से एक है अल्फांसो. अल्फांसो को आमों का राजा कहा जाता है. करीब डेढ़ हजार से ज्यादा प्रजातियों के बीच आखिर इस आम में ऐसा क्या खास है कि दुनिया भी इसके स्वाद की दीवानी है. खुदरा बाजार में इसकी मौजूदा कीमत 1000 से 1300 रुपये प्रति दर्जन है.

अप्रैल से मई के महीने में आते हैं अल्फांसो
मुंह में पानी ला देने वाले ताजा रस और स्वाद से भरपूर अल्फांसो आम दुनिया भर में अपने स्वाद के लिए जाना जाता है. स्वाद के मामले में इस आम का कोई जवाब ही नहीं है. इस आम की खासियत का अंदाजा इससे ही लगा सकते हैं कि एक आम खाने के बाद दूसरा खाए बिना आप रह नहीं पाएंगे. अल्फांसो आम को हापुस नाम से भी जाना जाता है. ये आम अप्रैल से मई के महीने में मार्केट में उपलब्ध होता है.

ग्राफ्टिंग से तैयार हुए थे अल्फांसो आम
इस आम का नाम अल्फांसो अफोंसो दि अल्बूकर्क के सम्मान में रखा गया है क्योंकि पुर्तगालियों के शासन में अल्फांसो अफोंसो दि अल्बूकर्क ने ही अपने बगान में इन आमों को लगवाया था. इसे ग्राफ्टिंग से तैयार किया गया था. 

ऐसे करें अल्फांसो आम की पहचान
अल्फांसो आम की त्वचा पीली होती है और इसका स्वाद रसीला होता है. अल्फांसो आम बेहद नरम और कोमल होते हैं. इसमें रेशे नहीं होते और जब पूरी तरह से पक जाते हैं तो छिलके आसानी से अलग हो जाते हैं. यह आम पक जाने के बाद इसे एक हफ्ते के अंदर खाना होता है और तब तक इसका स्वाद बरकरार रहता है. आम के पेड़ से अंकुर निकलने से लेकर फलने तक का सफर 5-8 साल के बीच होता है. अल्फांसो आम को उगने में आमतौर पर तीन से पांच महीने लगते हैं.

फायदेमंद भी है अल्फांसो
अल्फांसो आम में एंजाइम होते हैं जो पाचन में मदद करते हैं. इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम भी उच्च मात्रा में होते हैं. अल्फांसो आम बेहद मीठे होते हैं, लेकिन इसमें फैट की मात्रा 1% से भी कम होती है. इसलिए आप बेझिझक ये आम खा सकते हैं क्योंकि इसे खाने के बाद वजन नहीं बढ़ेगा. 

रत्नागिरी में उगाए जाते हैं अल्फांसो
अल्फांसो आम मुख्य रूप से भारत में रत्नागिरी में उगाए जाते हैं. इस आम की खेती करने में खास देखभाल की जरूरत होती है. इसलिए इसकी डिमांड काफी अधिक रहती है. सबसे अच्छे आम सागर तट से 20 किलोमीटर अंदर की ओर स्थित जमीन पर ही उगते हैं. अल्फांसो आम का वजन 150 से 300 ग्राम के बीच होता है. अल्फांसो आम के पेड़ गर्म तापमान में उगाए जाते हैं. तापमान कभी भी 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं गिरना चाहिए नहीं तो पेड़ सूख सकते हैं. इस आम को जीआई टैग भी मिल चुका है. भारत से सबसे ज्यादा अल्फांसो आम यूरोप में होता है.

 

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