हाथियों पर किए गए एक शोध में पता चला है कि हाथी एक-दूसरे को उनके नाम से पुकारते हैं. यह बात शोध में सोमवार को सामने आई. डॉलफिन मछ्ली और तोता अपने साथियों को पुकारने के लिए अपनी ही प्रजाति के किसी दूसरे की नकल उतारता है.
जबकि हाथी एक-दूसरे को पुकारने के लिए किसी तरह की नकल नहीं करते हैं. वह हर साथी के लिए एक अलग तरह की आवाज निकालते हैं, जिसका जवाब केवल वहीं हाथी देता है, जिसके लिए वह आवाज निकाली गई है. आइए बताते हैं कि किस तरह शोध में यह बात साबित हुई.
Artificial Intelligence (AI) का लिया गया सहारा
कीनिया में इस शोध को किया गया. शोध में हाथियों को दूसरे झुंड में अपनी साथी के लिए निकाली जा रही आवाज को रिकॉर्ड किया गया. बाद में इन आवाजों का विश्लेषण किया गया. यह विश्लेषण AI की मदद से किया गया.
शोध में यह बात सामने आई कि हाथी केवल उस एक विशेष आवाज की तरफ ही ध्यान देता है. जो खास तौर पर उसके लिए ही निकाली गई है. हाथी उन आवाजों की तरफ ध्यान नहीं देते जो उनके लिए नहीं निकाली गई हैं. यह बात शोध के लेखर माइकल पारदो ने बताई.
कितनी धीमी आवाज निकाल सकते हैं हाथी?
शोधकर्ताओं ने 1986 से 2022 के बीच कीनिया के कम्बुरु नेशनल रिजर्व और अम्बोसेली नेशनल पार्क में हाथियों की आवाज को रिकॉर्ड किया. जिसके बाद एक मशीन के जरिए रिकॉर्ड की गई आवाजों का अध्ययन किया गया.
अध्ययन में पाया कि हाथी बहुत जोर से भी आवाज निकाल सकते हैं. साथ ही इतनी धीमी आवाज भी निकाल सकते है जो इंसानी कान को सुनाई ना पड़े. लेकिन उनकी निकाली हुई आवाज काफी दूर किसी दूसरे हाथी को सुनाई दे जाती है.
शोधकर्ताओं ने किया अनोखा टेस्ट
शोधकर्ताओं ने जब रिकॉर्ड की गई एक आवाज को उसके साथी हाथी को सुनाया तो उसने काफी पॉजीटिव रिस्पॉन्स दिया. जबकि जब किसी दूसरे हाथी की आवाज को उसी हाथी को सुनाया गया तो उसकी ऊर्जा में कमी देखी गई.
इस टेस्ट के बाद यह साफ हुआ कि हाथी इस बात को बखूबी पहचानते हैं कि उनके ही किसी साथी ने उन्हें पुकारा है. शोध से यह पता चला कि इंसान और हाथी ही एक दूसरे के साथियों को उनके नाम से पुकारते हैं.