Papaya Cultivation: पपीते की खेती ने बनाया मालामाल, ये किसान कर रहा 10 से 12 लाख तक की कमाई

Papaya Farming: बिहार में एक सेना का जवान रिटायर्ड होने के बाद खेती करना का फैसला किया. उसने एक एकड़ में पपीते की खेती शुरू की. इसमें उसने 50 हजार रुपए तक खर्च किया. जबकि इस खेती से उनको 10-15 लाख रुपए तक का फायदा हहुआ.

Papaya Farming
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

किसान अब खेती से मुनाफा कमा रहे हैं. कई किसान खेती का तरीका बदल दिया है, जिससे उनको काफी फायदा हो रहा है. ऐसे ही एक किसान राजेश कुमार हैं, जो बिहार के पूर्वी चंपारण के रहने वाले हैं. उन्होंने धान-गेहूं जैसी परंपरागत खेती छोड़ दी और पपीता की खेती शुरू की. उन्होंने पपीते की खेती में तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. राजेश कुमार युवा किसानों को पपीता की खेती के तरीके भी सीखा रहे हैं.

रिटायर होने के बाद शुरू की खेती-
किसान राजेश कुमार पूर्वी चंपारण के पीपराकोठी प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत के पडौलिया गांव के रहने वाले हैं. राजेश कुमार फौजी थे, अब रिटायर हो गए हैं. उनकी बचपन से ही खेती में रुचि थी. इसलिए उन्होंने रिटायरमेंट के बाद खेती से जुड़ने का फैसला किया. हालांकि उन्होंने परंपरागत खेती की जगह आधुनिक सिस्टम से खेती करने का प्लान किया. जिसका फायदा भी उनको हुआ, आज वो अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं.

खास किस्म के पपीते की खेती-
राजेश कुमार ने 6 साल पहले पपीता की खेती करने का फैसला किया. इससे पहले उनकी फैमिली परंपरागत खेती करती थी. राजेश कुमार ने पपीता की खेती के लिए जिला उद्यान विभाग से संपर्क किया. उन्होंने वहां से रेड लेडी ताइवान 786 किस्म के पपीते का पौधा लाए. ड्रिप इरीगेशन की सुविधा भी उद्यान विभाग ने उपलब्ध कराई. इसके साथ ही उद्यान विभाग के वैज्ञानिकों ने समय-समय पर दौरा किया और खेती को लेकर जरूरी जानकारी दी.

6-7 महीने में फसल तैयार-
हिंदी डॉट न्यूज 18 की रिपोर्ट के मुताबिक राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने फरवरी-मार्च के सीजन में पपीते के पौधे लगाए हैं. उन्होंने एक एकड़ में 900 पौधे लगाए हैं. 3-4 महीने में पौधे की कली खिलने लगेगी. जबकि 6-7 महीने में पपीते की पैदावार होने लगेगी.

पपीता पेड़ पर ही पकते हैं. उसके बाद उनको तोड़ा जाता है. इसमें किसी केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इसका स्वाद भी अलग तरह का होता है.

50 हजार रुपए होता है खर्च-
राजेश कुमार का कहना है कि एक एकड़ में खेती का खर्च 50 हजार रुपए आता है, जबकि एक एकड़ पपीते की खेती से करीब 10-15 लाख रुपए तक की आमदनी हो जाती है. इस पपीते की डिमांड बहुत ज्यादा है. मार्केट में इसकी इतनी मांग है कि उतनी मात्रा में आपूर्ति भी नहीं हो पाती है.

पपीते की खेती के साथ राजेश कुमार खेत में अदरक, बकला और गेंदा फूल की भी खेती करते हैं. इससे भी अच्छा-खासा मुनाफा होता है. राजेश कुमार पिछले 6 साल से पपीता की खेती कर रहे हैं. उनको इतना अनुभव हो गया है कि अब वो खुद ही पपीता की नर्सरी भी तैयार करते हैं. इसके साथ ही दूसरे किसानों को पपीते की खेती का तरीका भी सिखाते हैं.

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