स्वामी शिवानंद, जिनके आधार कार्ड के मुताबिक उनकी जन्मतिथि 8 अगस्त 1896 है, भारतीय संस्कृति, योग और आम जीवनशैली के प्रतीक हैं. उन्होंने अपने अनुशासन, सेल्फ कंट्रोल , और योग से एक मिसाल कायम की है. आज, जब अधिकांश लोग मॉडर्न लाइफस्टाइल की चुनौतियों से जूझ रहे हैं, स्वामी शिवानंद अपनी सहजता और सादगी के साथ लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं. वो फिलहाल महाकुंभ में गए हैं, और यहां से लोगों को लंबी और स्वस्थ जिंदगी का सीक्रेट बता रहे हैं.
फिटनेस का राज- योग और अनुशासन
स्वामी शिवानंद के इतनी लंबी उम्र और अच्छी हेल्थ का राज उनके द्वारा हर दिन घंटों योग का अभ्यास करना है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, बचपन में माता-पिता को खोने के बाद उनके रिश्तेदारों ने ही उनकी देख रेख की. उन्होंने शांत माहौल में रहने के साथ-साथ एक अनुशासित बचपन बिताया है. इस दौरान उन्होंने योग और ध्यान को अपने जीवन का हिस्सा ही बना लिया. बाद में वे वाराणसी चले गए, जो भारतीय आध्यात्मिकता और योग का केंद्र माना जाता है. वहां उन्होंने अपनी साधना को और गहरा किया.
पद्मश्री से सम्मानित और कुंभ मेले के अनुभव
स्वामी शिवानंद ने 2022 में उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्म श्री सम्मान प्राप्त किया. ये सम्मान उन्हें भारतीय योग और आम जीवनशैली के प्रति उनके योगदान के लिए दिया गया. स्वामी शिवानंद पिछले 100 सालों से भारत के चार प्रमुख कुंभ मेलों—प्रयागराज, नासिक, उज्जैन और हरिद्वार में नियमित रूप से भाग ले रहे हैं. महाकुंभ के दौरान, उनका शिविर संगम लोअर रोड के सेक्टर 16 में होता है.
यहां उनके आधार कार्ड को प्रदर्शन पर रखा गया है, जो उनके फॉलोअर्स और चाहने वालों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है. सुबह के समय, स्वामी शिवानंद योग और ध्यान से अपने दिन की शुरुआत करते हैं. उनके शिविर के बाहर उनके दर्शन के लिए उनको चाहने वाले लोगों की भीड़ उमड़ती हैं, उनके अनुशासन और आध्यात्मिकता को देखकर लोग बहुत ज्यादा प्रेरित होते हैं.
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में आवेदन
स्वामी शिवानंद ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपनी उम्र को मान्यता दिलाने के लिए आवेदन किया है. उनके पासपोर्ट और आधार कार्ड जैसी सरकारी दस्तावेजों में उनकी उम्र का प्रूफ भी है. हालांकि, इसे पूरी तरह वेरीफाइ करना अभी भी चुनौती से भरा है. यदि उनकी उम्र को रिकॉर्ड्स में मान्यता मिलती है, तो वे दुनिया के सबसे उम्रदराज व्यक्ति बन जाएंगे.
लंबी उम्र का राज
स्वामी शिवानंद की उम्र उनके आधार कार्ड के मुताबिक अभी लगभग 129 साल हैं. वो अपनी लंबी उम्र और हेल्दी जीवन का श्रेय अपनी अनुशासनबद्ध (Disciplined) लाइफस्टाइल को देते हैं. उनके मुताबिक सादा भोजन, सेल्फ कन्ट्रोल, और नियमित योग से लंबी आयु और अच्छा स्वास्थ्य पाया जा सकता है. उन्होंने बताया कि वे केवल उबली हुई सब्जियां खाते हैं, जिसमें ना तो तेल, ना मसाले और ना ही चावल होता है. ये उनके जीवन का अहम हिस्सा है.
उन्होंने लंबी उम्र के लिए तीन जरूरी मंत्र भी बताए हैं:
1.सुबह जल्दी उठना – दिन की शुरुआत जल्दी और पाजिटिविटी के साथ करना.
2.सादा और सीमित भोजन करना – शरीर को हल्का और एनर्जी से भरपूर रखने के लिए सादा और सीमित भोजन .
3.सेल्फ कन्ट्रोल अपनाना – इच्छाओं पर कंट्रोल रखना.
उनकी कई ऑनलाइन वीडियो में उन्हें योग करते हुए देखा जाता है. उनकी उम्र उनकी असली आयु से काफी कम लगती है. उनका मानना है कि अनुशासन और सादगी के साथ जीवन जीने से बीमारियों से मुक्त और सुखी जीवन जीना संभव है.
मॉर्डन टैक्नोलॉजी से दूरी
स्वामी शिवानंद ने हमेशा मॉर्डन टैक्नोलॉजी से दूरी बनाए रखी है. उनका जीवन उनके उसूलों पर आधारित है, जो उन्होंने बचपन में सीखे थे. बिजली, गाड़ियां और फोन जैसी सुविधाओं के बिना उन्होंने अपना जीवन बिताया है. यहां तक कि वे आज भी केवल ट्रेन से यात्रा करते हैं. उनका घर वाराणसी के कबीर नगर, दुर्गाकुंड में है. वहां वे शांत और आत्मनिर्भर जीवन जीते हैं.
टैक्नोलॉजी और आधुनिकता से दूर रहते हुए भी उनका जीवन बैलेंस्ड और प्रेरणादायक है. महाकुंभ मेले की यात्रा पूरी करने के बाद, स्वामी शिवानंद अपने घर लौट जाते हैं. वह अपने अनुभवों और लाइफस्टाइल के जरिए लोगों को प्रेरित करते हैं. बता दे कि स्वामी शिवानंद का जीवन न केवल लंबी उम्र का उदाहरण है, बल्कि ये दिखाता है कि एक साधारण और अनुशासित जीवन जीने से व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है. उनका संदेश एकदम ही स्पष्ट है—योग, सादगी और सेल्फ-कंट्रोल से जीवन को सुखी और सार्थक बनाया जा सकता है.
(यह रिपोर्ट निशांत सिंह ने लिखी है. निशांत Gnttv.com के साथ बतौर इंटर्न काम कर रहे हैं.)