तेलंगाना में एक गरीब बेरोजगार के बेटे का NDA में हुआ सेलेक्शन...वंचित बच्चों के लिए सैनिक स्कूल खोलने वाला अकेला राज्य है तेलंगाना

हैदराबाद के रहने वाले एक बेरोजगार विकलांग के बेटे ने यह साबित कर दिया कि गरीबी जीवन में ऊंचाइयों को छूने के लिए बाधा नहीं हो सकती है. यहां एक बेरोजगार विकलांग व्यक्ति के बेटे ने सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा पास कर ली है और अब वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में एक लड़ाकू पायलट बनने के अपने सपने को पूरा करेगा.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 3:47 PM IST
  • पिता को लकवा मार गया था
  • पांच दिन  की होती है चयन प्रक्रिया

हैदराबाद के रहने वाले एक बेरोजगार विकलांग के बेटे ने यह साबित कर दिया कि गरीबी जीवन में ऊंचाइयों को छूने के लिए बाधा नहीं हो सकती है. यहां एक बेरोजगार विकलांग व्यक्ति के बेटे ने सेवा चयन बोर्ड की परीक्षा पास कर ली है और अब वह राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में एक लड़ाकू पायलट बनने के अपने सपने को पूरा करेगा. करीमनगर जिले के रुक्मापुर में तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल सैनिक स्कूल (TSWRSS) से इंटरमीडिएट पूरा करने वाले 17 वर्षीय पी अशोक साई अब 15 फरवरी को पुणे के खडकवासला में एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार हैं.

IAF थी पहली पसंद
साई ने एक न्यूज एजेंसी को बताया, "सशस्त्र बलों में शामिल होना मेरा सपना रहा है. सैनिक स्कूल में शामिल होने के बाद, मुझे एनडीए के बारे में स्पष्ट रूप से पता चला. इसके बाद मैंने यूपीएससी और एसएसबी परीक्षाओं को क्रैक करने और इंटरव्यू  और टेस्ट के लिए कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया." साई ने कहा कि भारतीय वायु सेना उनकी पहली पसंद थी और उन्हें खुशी है कि वह एक लड़ाकू पायलट बनेंगे.

साई ने आगे कहा, "मेरे माता-पिता इतने सीधे हैं कि वो ये भी नहीं जानते कि मेरा सेलेक्शन कहां हुआ है. मैंने उन्हें समझाया कि मुझे भारतीय वायु सेना के पायलट के रूप में भारत की सेवा करने का अवसर मिला है, तो वो बेहद खुश हुए."

पिता को लकवा मार गया था
नलगोंडा जाने से पहले साई आठवीं कक्षा तक शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ते थे. साई के पिता को लकवा हो गया था, जिसने उन्हें विकलांग कर दिया. उस समय साई की उम्र तीन साल थी. उन्होंने कहा, "हम ज्यादातर अपनी मां की आय पर जीवित रहे जोकि टेलर का काम करती थी. अनुसूचित जाति विकास मंत्री कोप्पुला ईश्वर ने कहा, "तेलंगाना के लिए यह बहुत सम्मान और गर्व का क्षण है कि एक बेहद गरीब पृष्ठभूमि के ऐसे युवा लड़के को भारतीय वायु सेना के लिए अधिकारी कैडर में चुना गया है."

पांच दिन  की होती है चयन प्रक्रिया
तेलंगाना सोशल वेलफेयर रेजिडेंशियल एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस सोसाइटी (TSWREIS) के सचिव रोनाल्ड रोज ने कहा कि NDA परीक्षा को पास करना आसान नहीं है. यह पांच दिनों की चयन प्रक्रिया है. उन्होंने कहा,"हर साल, लाखों छात्र एनडीए परीक्षा के लिए बैठते हैं और चयन दर केवल 0.1% है. साई की उपलब्धि TSWREIS छात्रों की सफल यात्रा में ऐतिहासिक मील का पत्थर है. तेलंगाना देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जिसने वंचित बच्चों के लिए सैनिक लॉन्च किए हैं.”

 

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