अपनी बेटियों से कहें ये 5 बातें, बदल जाएगी उनकी सोच और जीने का तरीका 

समाज क्या कहेगा, यह सोचकर बहुत बार लड़कियों की आवाज को अनसुना कर दिया जाता है. उन्हें बचपन से ही हद में रहने के लिए कहा जाता है, बाहर जाते समय हमेशा लड़कियों से भाई या पिता के साथ जाने के लिए कहा जाता है. ज्यादातर घरों में आज भी बेटियों के करियर से ज्यादा उनकी शादी को महत्व दिया जाता है. ऐसे में, बहुत सी होनहार बेटियां अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती हैं. इसलिए बहुत जरुरी है कि आप अपनी बेटियों को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होने का अहसास कराएं. 

Representative Image
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 13 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST
  • बेटियों को कम न आंके
  • बेटियों को कमजोर नहीं मजबूत बनायें

ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों की छोटी से छोटी ख्वाहिश पूरा करना चाहते हैं. चाहे बेटा हो या बेटी, उनकी चाहत बस इतनी होती है कि उनके बच्चे एक अच्छी ज़िंदगी जिएं. लेकिन कई बार न चाहते हुए भी बेटे और बेटी में फर्क हो ही जाता है. 

समाज क्या कहेगा, यह सोचकर बहुत बार लड़कियों की आवाज को अनसुना कर दिया जाता है. उन्हें बचपन से ही हद में रहने के लिए कहा जाता है, बाहर जाते समय हमेशा लड़कियों से भाई या पिता के साथ जाने के लिए कहा जाता है. ज्यादातर घरों में आज भी बेटियों के करियर से ज्यादा उनकी शादी को महत्व दिया जाता है.

ऐसे में, बहुत सी होनहार बेटियां अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाती हैं. इसलिए बहुत जरुरी है कि आप अपनी बेटियों को कमजोर नहीं बल्कि मजबूत होने का अहसास कराएं. इसके लिए आपको सिर्फ कुछ बातें ध्यान में रखनी हैं. इन बातों में खुद विश्वास करना है और समय-समय पर अपनी बेटियों से भी कहें ताकि वे निडर होकर अपने पैरों पर खड़ी रहें.  

1. तुम काफी हो:

बेटियों को कभी यह अहसास न कराएं कि वह किसी पुरुष के बिना कुछ नहीं हैं. बल्कि उनसे कहें कि वह अपने लिए और अपने परिवार के लिए काफी हैं. अगर किसी लड़की का भाई नहीं है तो वह बेचारी नहीं हो जाती है या फिर कोई पत्नी जिसने अपने पति को खो दिया हो वह अबला नारी नहीं है. 

अगर लड़कियां चाहें तो अपने दम पर न सिर्फ खुद को बल्कि पूरे परिवार को संभाल सकती हैं. जरूरत है तो बस उन पर विश्वास करने की. 

2. गलत के खिलाफ हमेशा आवाज़ उठाएं:

बेटियों की आवाज को दबाने की बजाय उनकी बात सुनें, समझें और उन्हें बताएं कि वह हमेशा गलत के खिलाफ आवाज उठा सकती हैं और आप उनका साथ देंगे. गकत चाहे घर-परिवार में हो, स्कूल, ऑफिस में या ससुराल में, बेटियों को हमेशा अपनी बात रखने की शिक्षा दें. 

3. बेटियों का करियर भी है जरुरी: 

बेटियों को कभी न कहें कि उन्हें सिर्फ शादी करनी है, किसी का घर बसाना है. बल्कि उन्हें बताएं कि उनकी पढ़ाई और करियर उतना ही जरुरी है जितना कि किसी भी लड़के का. और रही शादी की बात तो इस विषय पर करियर में सेटल होने के बाद सोचा जा सकता है.

उन्हें हमेशा यही बताएं कि उनका करियर भी उतना ही जरुरी है जितना किसी लड़के का. 

4. खुद को पहले रखने में कुछ गलत नहीं है:

अक्सर महिलाएं खुद से पहले दूसरों को रखती हैं और अगर कभी अपने बारे में पहले सोच लें तो उन्हें गिल्ट होने लगता है. इसलिए अपनी बेटियों को बचपन से कहें कि अपने बारे में सोचना गलत नहीं है, और न ही खुद को प्रायोरिटी पर रखना.  

5. तुम कर सकती हो:

अपनी बेटियों को हर काम में आगे बढ़ने के लिए कहें. वह लड़की है इसलिए उन्हें कुछ करने से न रोकें बल्कि उनकी ताकत बनकर उनका साथ दें. अगर आज आप उनकी ताकत बनेंगे तो आने वाले कल में वही बेटियां आपकी, आपके परिवार की और साथ ही इस समाज की ताकत बनेंगी. 

 

Read more!

RECOMMENDED