प्रयागराज में लगे आस्था के मेले महाकुंभ में लोगों की आस्था का सैलाब देखने को मिल रहा है. हर कोई चाह रहा है कि वह इस आस्था में पर्व में डुबकी लगा लें. आस्था के इस मेले में कई साधु-संतों को देखने का मौका मिला रहा है.
लेकिन इस बीच एक अनोखी घटना सामने आई है. दरअसल यह घटना झारखंड के कोडरमा की है. यहां एक परिवार का सदस्य पिछले 15 साल से लापता था. यहां तक की उसका परिवार उसके मृत्यु प्रमाण पत्र तक का आवेदन कर चुना था. लेकिन महाकुंभ के नाम की महिमा देखिए, इस नाम को सुन उसकी याददाश्त वापस लौट आई.
क्या है मामला?
झारखंड के इस परिवार ने कुछ दिन पहले ही अपने परिवार से उस सदस्य के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था. लेकिन इसी बीच परिवार को खबर मिली कि उनके परिवार का लापता शख्स मिल चुका है. हैरानी की बात है कि उसकी याददाश्त केवल महाकुंभ का नाम सुनकर ही लौट आई. जिसके बाद वह अपने परिवार के बारे में बता पाया.
2010 से पुलिस के हाथ खाली
दरअसल, थाना क्षेत्र के कादोडीह निवासी प्रकाश महतो कोलकाता नगर निगम में कार्यरत थे. उनकी मानसिक स्थिति थोड़ी ठीक नहीं थी. साल 2010 में वह ड्यूटी के रेलवे से कोलकाता के लिए रवाना हुए थे. इस दौरान अचानक वह रास्ते में लापता हो गए. जिसके बाद पिरवार ने मरकच्चो थाने में उनके लापता होने की शिकायत करवाई. जिसके बाद पुलिस ने काफी खोज की लेकिन युवक के बारे में कोई सुराग नहीं मिला.
15 साल से होटल ही था सबकुछ
कुछ दिन पहले मरकच्चो थाना प्रभारी सौरभ शर्मा ने परिवार को सूचित किया कि 15 साल से लापता प्रकाश महतो मिल गए हैं. इसके बाद परिवार पश्चिम बंगाल के रानीगंज स्थित होटल पहुंचे. जहां प्रकाश महतो से मिलकर परिजनों की खुशी के आंसू छलक उठे. होटल के मालिक ने बताया कि वह करीब 15 साल से यहां काम कर रहे थे.
कुंभ जाने की चर्चा के दौरान लौटी याददाश्त
होटल मालिक सुमित ने बताया कि कुछ दिन पहले परिवार के सदस्य महाकुंभ जाने की चर्चा कर रहे थे. इस दौरान होटल मालिक ने प्रकाश से भी कुंभ चलने की पेशकश की. इस दौरान प्रकाश महतो ने कहा कि वह कुंभ जरूर जाएगा, क्योंकि उनका घर भी उसी रास्ते में है. जिसके बाद होटल मालिक को अचानक लगा की प्रकाश महतो के दिमागी हालत ठीक हो गई है. और पूछताछ करने पर प्रकाश ने अपने घर के बारे में बताया. जिसके बाद कोडरमा थाना से संपर्क कर मामले की जानकारी दी गई.