भारतीय रेलवे को लाइफलाइन ऑफ इंडिया का जाता है. यह हर तबके के लोगों के लिए बहुत ही सुगम, सुविधाजनक और सस्ता परिवहन है. इसके साथ ही, यह उन कंपनियों में से एक है जो सबसे ज्यादा रोजगार देती है. लेकिन एशिया के सबसे बड़े रेलवे नेटवर्क में महिलाओं को आज भी बराबरी की भागीदारी नहीं मिल रही है.
हालांकि, पिछले कुछ सालों में स्थिति बहुत हद तक बदली है और आज कई जरूरी विभागों में महिलाओं को नियुक्ति मिल रही है. और इस बदलाव के लिए हमें उन महिलाओं का धन्यवाद करना चाहिए जो रेलवे में अग्रणी बनी और अपनी पहचान बनाकर दूसरी महिलाओं के लिए रास्ते बनाए.
जया चौहान
जया चौहान 1984 बैच के रेलवे सुरक्षा बल की पहली महिला अधिकारी थीं. जया ओएनजीसी में एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में काम कर रही थीं. लेकिन वह संतुष्ट नहीं थीं और अपनी मातृभूमि की सेवा करने के लिए उन्होंने रेलवे पुलिसिंग को चुना. यह बिल्कुल भी आसान नहीं था. लेकिन जया ने न केवल रेलवे में अच्छा प्रदर्शन किया, बल्कि देश के अर्धसैनिक बलों में पहली महिला महानिरीक्षक भी बनीं.
एम. कलावती
रेलवे उम्मीदवारों के 1981 बैच से, एम कलावती को सिग्नल इंजीनियर्स की भारतीय रेलवे सेवा की पहली महिला सदस्य के रूप में शामिल किया गया था. वह वर्तमान में दक्षिण रेलवे क्षेत्र में मुख्य सिग्नल इंजीनियर के रूप में काम करती हैं.
कल्याणी चड्ढा
रेलवे सेवाओं में शामिल होने से पहले, 1988 में, कल्याणी चड्ढा ने जमालपुर में 1983 बैच के स्पेशल क्लास अपरेंटिस में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ मैकेनिकल एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में चार साल बिताए. कल्याणी के नेतृत्व में 13 महिलाएं थीं जो अब सेवा में हैं और 10 और हैं जो जमालपुर में प्रशिक्षुता प्राप्त कर रही हैं.
मंजू गुप्ता
मंजू गुप्ता, जो वर्तमान में बीकानेर मंडल के मंडल रेल प्रबंधक के रूप में कार्यरत हैं, विद्युत इंजीनियरों की भारतीय रेलवे सेवा की पहली महिला सदस्य थीं. उनके शामिल होने के बाद, 14 और महिलाओं ने मंजू के उदाहरण का अनुसरण किया और IRSEE में प्रवेश किया.
मोना श्रीवास्तव
1998 के बैच का हिस्सा, मोना श्रीवास्तव पहली महिला सदस्य थीं जिन्हें इंडियन रेलवे सर्विस ऑफ़ इंजीनियर्स में शामिल किया गया था, जहां तब तक केवल पुरुष थे.
विजयलक्ष्मी विश्वनाथन
साल 2002 में, 1967 बैच की सदस्य विजयलक्ष्मी विश्वनाथन ने भारतीय रेलवे बोर्ड के फाइनेंशियल कमिश्नर के पद पर अपनी जगह बनाई. 1990 के दशक के अंत में विजयलक्ष्मी भारतीय रेलवे की पहली महिला मंडल रेल प्रबंधक भी थीं.