अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप ऐसी जगह रहना पसंद करेंगे जहां न तो दुकानें हैं, न रेस्टोरेंट बार न ही अस्पताल. यकीनन आपका जवाब होगा, नहीं. लेकिन अमेरिका के अलास्का में स्थित पोर्ट ऑल्सवर्थ नाम का एक गांव है जहां लोग इन सभी चीजों के बिना भी बेहद खुशी से रहते हैं.
हर दो महीने में आता है खाना, अस्पताल नहीं
ऑल्सवर्थ अलास्का के सबसे दुर्गम गांवों में से एक माना जाता है. यहां न कोई बार है, न रेस्टोरेंट और न ही कोई किराने की दुकान. इसके बावजूद लोग यहां न केवल रहते हैं बल्कि इस कठिन जीवन को पूरी शिद्दत से जीते भी हैं. गांव की निवासी सलीना ऑल्सवर्थ ने बताया, वे अपने पति जैरेड रिचर्डसन के साथ पोर्ट ऑल्सवर्थ में रहती हैं. गांव में महज 180 लोग रहते हैं और सलीना का परिवार 1940 के दशक से यहां रह रहा है.
इमरजेंसी में हवाई जहाज से जाना पड़ता है शहर
सलीना बताती हैं कि गांव में हर दो महीने में एक बार ही खाने की डिलीवरी आती है. अगर कोई इमरजेंसी आ जाए तो 200 मील दूर स्थित एंकोरेज शहर जाना पड़ता है, और वो भी हवाई जहाज से. इस गांव में न कोई थिएटर हैं न ही कोई बार. गांव में सिर्फ दो कॉफी शॉप हैं, जहां लोग कभी कभार जुटते हैं. यहां की एकमात्र दुकान सलीना के परिवार के रिसॉर्ट में बना गिफ्ट शॉप है.
गांव में सिर्फ एक छोटा क्लिनिक
अलास्का की सर्दियों में बर्फबारी आम बात है. ऐसे में कई दिनों तक तो हवाई जहाज भी नहीं आते. सलीना कहती हैं, कभी-कभी हम एक हफ्ते तक भी एयरलिफ्ट का इंतजार करते रहते हैं. गांव में कोई अस्पताल नहीं है. सिर्फ एक छोटा क्लिनिक है जहां सिर्फ मामूली इलाज कराया जा सकता है. किसी भी बड़ी बीमारी, डिलीवरी या सर्जरी के लिए फ्लाइट से शहर जाना पड़ता है.
सैल्मन मछली फ्रीज़र में स्टोर करते हैं
सलीना बताती हैं, "हम अक्टूबर में सर्दियों के लिए जरूरी सामान जमा कर लेते हैं, जो मई तक चलाना होता है. जुलाई में ताज़ा सैल्मन मछली फ्रीज़र में स्टोर करते हैं और हर दो साल में एक बार हिरण का शिकार करते हैं." सलीना के पति जैरेड, मूल रूप से डिट्रॉयट से हैं और मछली पकड़ने के गाइड के तौर पर गांव आए थे. अब वे यहीं बस गए हैं और यहां का जीवन को पूरी तरह अपना चुके हैं.
मुसीबत में पूरा गांव साथ खड़ा होता है
कठिन हालात के बावजूद सलीना का कहना है कि वे कहीं और रहने की कल्पना भी नहीं कर सकतीं. “जब कोई मुसीबत में होता है, पूरा गांव साथ खड़ा होता है. जब कोई शहर जाता है, तो सभी से पूछता है कि किसे क्या लाना है.”
1940 के दशक में अमेरिकी सरकार ने लोगों को अलास्का में बसने के लिए प्रोत्साहित किया था. सलीना के पूर्वजों ने आत्मनिर्भर रहने की योग्यता साबित की और बदले में सरकार ने उन्हें जमीन दी. पोर्ट ऑल्सवर्थ आज भी उन्हीं मूल्यों पर टिका है.