Holi 2022: क्या आपका खरीदा हुआ रंग आपके लिए सेफ है, कलर खरीदने से पहले रखें इन बातों का खास ख्याल

अगर आप नेचुरल ऑर्गेनिक गुलाल खरीद रहे हैं तो रंग को ध्यान से देखें, अगर रंग में चमकदार कण हैं तो यह नैचुरली नहीं बना है. होली के नेचुरल रंग ज्यादातर हल्दी या गेंदा, गुलदाउदी और गुलाब जैसे फूलों से बनाए जाते हैं. इसमें बेसन या चावल आटे जैसी सामग्री होती है.

कलर खरीदने से पहले रखें इन बातों का खास ख्याल
शताक्षी सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 17 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST
  • शाइनी पार्टिकल वाले रंग बिलकुल ना खरीदें
  • स्किन टेस्ट या वॉटर टेस्ट कर लें

होली का त्योहार चौखट पर दस्तक दे चुका है. आप सभी ने रंग और मिठाइयां खरीदना भी शुरू कर दिया होगा. आज कल बाजार में तरह-तरह के कलर आ चुके हैं. कुछ रंग आपकी स्किन के लिए खतरनाक हो सकते हैं. तो होली का रंग लेते वक्त कुछ बातों का खास ख्याल रखें, तो आपके होली का रंग भंग ना हो जाए.

पैकेजिंग की जांच करें 
रंग लेते वक्त पैकेजिंग का सबसे पहले ध्यान रखें. जिन रंगों के पैकेट के कोने फटे या कटे हो, उन्हें ना खरीदें. एक कंपनी जो अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट बनाती है, वह कभी भी पैकेजिंग पर कोनों को नहीं काटेगी. अगर पैकेजिंग कमजोर या छेड़छाड़ की गई लगती है, तो हो सकता है कि वो नकली रंग हो. ऐसे रंगों को खरीदने से बचें. 

शाइनी पार्टिकल वाले रंग बिलकुल ना खरीदें
अगर आप नेचुरल ऑर्गेनिक गुलाल खरीद रहे हैं तो रंग को ध्यान से देखें, अगर रंग में चमकदार कण हैं तो यह नैचुरली नहीं बना है. होली के नेचुरल रंग ज्यादातर हल्दी या गेंदा, गुलदाउदी और गुलाब जैसे फूलों से बनाए जाते हैं. इसमें बेसन या चावल आटे जैसी सामग्री होती है. इनमें से किसी में भी शाइनी पार्टिकल नहीं होते हैं. तो इसका मतलब साफ है कि जिन रंगों में शाइनी पार्टिकल मिला हो वो नेचुरल रंग नहीं हैं.

लेबल को ध्यान से पढ़ें  
रंग की पैकेट में अक्सर ही बोल्ड में लिखे टेक्स्ट भ्रामक हो सकते हैं. अक्सर कंपनियां छोटे टेक्स्ट में चेतावनी लिखती हैं, ताकि उन पर किसी की नजर ना जाए. उत्पाद पर छपी सामग्री और चेतावनियों को पढ़ने के लिए कुछ मिनट का समय लें. अगर आप उस पर लिखे शब्द नहीं समझ पा रहे हैं तो इंटरनेट का सहारा लें. अगर कुछ भी गड़बड़ लगती है तो रंग बिलकुल ना खरीदें.

स्किन टेस्ट या वॉटर टेस्ट कर लें
अगर हो सके तो रंग खरीदने से पहले स्किन टेस्ट कर लें. प्राकृतिक रंग पानी से पूरी तरह से धुल जाएंगे और कोई निशान नहीं छोड़ेंगे. पानी में थोड़ा सा रंग भी मिला सकते हैं, अगर रंग पूरी तरह से घुल जाए तो यह नेचुरल है.

ऑफर्स के चक्कर में ना पड़ें 
कई बार दुकानदार नकली माल बेचने के लिए उसपर कई तरह के आकर्षक ऑफ़र, मुफ्त उपहार और छूट देते हैं. इस चक्कर में बिलकुल न फंसें. अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों की कीमत कुछ रुपये अधिक हो सकती है लेकिन इससे आपके स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होगा.

होली के लिए रंग खरीदते समय आपकी थोड़ी सी देखभाल और ध्यान आपकी फैमिली और आपको नुकसान और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचा सकता है. इसलिए रंग लेते वक्त इन बातों का खास ख्याल रखें.


 

 

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