हर किसी की जिंदगी में कभी न कभी पैसों की तंगी आती है, लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि कोई अपनी बाइक की किस्त चुकाने के लिए ऐसी खौ़फनाक साजिश रच सकता है? 25 वर्षीय युवक अमन विश्वकर्मा ने अपनी मां से 2 लाख रुपये की फिरौती की मांग करने के लिए खुद को बंधक बना लिया. इतना ही नहीं, उसने अपनी मां को व्हाट्सएप के जरिए एक डरावनी तस्वीर भेजी, जिसमें वह बंधक बना हुआ दिख रहा था और पास में पिस्तौल रखी हुई थी. मां से कह रहा था कि अगर वह पैसे नहीं देती, तो उसे छोड़ने का सवाल ही नहीं था. लेकिन यह सब एक धोखाधड़ी थी, जो युवक ने अपनी बाइक की किस्त चुकाने के लिए रची थी.
समाज को भी हिला कर रख दिया
इस घटना ने न सिर्फ पुलिस को बल्कि समाज को भी हिला कर रख दिया. क्या किसी इंसान को इतना मोहभंग हो सकता है कि वह अपने खुद के अपहरण की कहानी बना कर एक झूठ के जाल में फंस जाए? दरअसल, यह घटना उन लोगों के लिए एक चेतावनी बन चुकी है जो पैसों के लिए कभी भी गलत रास्ता अपनाने का सोचते हैं.
बाइक की किस्तें चुकाने में असमर्थ था
युवक ने बताया कि वह पिछले तीन साल से बाइक की किस्तें चुकाने में असमर्थ था और इसके चलते उसकी आर्थिक स्थिति भी खराब हो गई थी. साथ ही उसे जेब खर्च की भी समस्या थी. इन परेशानियों से जूझते हुए युवक ने सोचा कि क्यों न वह अपनी मां से पैसे मांगने के लिए एक खौ़फनाक तरीका अपनाए, ताकि वह घबराए और उसे रकम दे दे. युवक ने सोहागी स्थित अपने पुस्तैनी ददरी गांव में जाकर जंगल में खुद को बंधक बना लिया और अपनी तस्वीरें मां को भेज दीं. साथ ही उसने धमकी दी कि अगर फिरौती नहीं मिली, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.
प्लान की झूठी कहानी
युवक का यह पूरा प्लान एक झूठी कहानी पर आधारित था, जिसे बाद में पुलिस ने उजागर कर दिया. 29 मार्च को जब युवक की मां को अपने बेटे के अपहरण की जानकारी मिली, तो वह घबराई और तत्काल समान थाना में शिकायत दर्ज कराई. मां ने पुलिस को बताया कि उनका बेटा अमन विश्वकर्मा घर से इलाज के लिए निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा. अगले दिन उसे व्हाट्सएप पर कुछ डरावनी तस्वीरें मिलीं, जिनमें अमन को बंधक बनाया गया था और उसके हाथों में बंधन थे. इसके बाद अमन ने अपनी मां से फोन पर बात की और अपहरण की कहानी सुनाई, साथ ही फिरौती के रूप में 2 लाख रुपये की मांग की.
पुलिस ने की तुरंत कार्रवाई शुरू
पुलिस ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत कार्रवाई शुरू की. साइबर सेल की मदद से पुलिस ने युवक का ट्रैकिंग शुरू की और उसकी तलाश में जुट गई. पुलिस ने मां-बेटे के बीच हुई बातचीत को ध्यान से सुना और यह महसूस किया कि मामला कुछ संदिग्ध है. पुलिस की टीम ने युवक को ढूंढने के लिए अलग-अलग दिशा में छानबीन की और अंत में 1 अप्रैल को उसे थाना क्षेत्र में देखा गया. युवक को देखकर पुलिस ने उसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने तुरंत घेराबंदी की और उसे पकड़ लिया.
पकड़े जाने पर युवक ने पुलिस के सामने सारी सच्चाई उगल दी. उसने बताया कि वह बाइक की किस्त के पैसे जमा करने के लिए परेशान था और अपने जेब खर्च की भी चिंता थी, इसलिए उसने यह साजिश रची. युवक के पास से एक देशी पिस्तौल भी बरामद हुई, जो उसने अपनी मां को डराने के लिए इस्तेमाल की थी. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ जारी है.
सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने इस मामले पर बयान देते हुए कहा कि पूरे मामले की जांच के लिए 4 अलग-अलग पुलिस टीमों का गठन किया गया था. पुलिस ने युवक को पकड़ा और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. इस पूरे मामले ने यह साबित कर दिया कि कभी-कभी लोग अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. हालांकि, यह घटना यह भी बताती है कि पुलिस की तत्परता और साइबर सेल की मदद से ऐसी साजिशों को समय रहते पकड़ा जा सकता है.
(विजय कुमार विश्वकर्मा की रिपोर्ट)