स्टील क्रॉकरी बैंक का नाम सुना क्या? यहां फ्री में मिलते हैं स्टील के बर्तन

तुलिका डिस्पोजेबल प्लास्टिक को रोकने के लिए अभियान चला रही हैं. इसके लिए उन्होंने एक स्टील क्रॉकरी बैंक तैयार किया है. इस बैंक में वो स्टील के बर्तन रखती हैं. इन बर्तन को लोग किसी फंक्शन या इवेंट के लिए फ्री में ले सकते हैं.

steel crockrey bank
मनीष चौरसिया
  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:31 PM IST

फरीदाबाद की तुलिका सुलेजा को लोग स्टील लेडी के नाम से भी बुलाते हैं. तुलिका डिस्पोजेबल प्लास्टिक को रोकने के लिए अभियान चला रही हैं. इसके लिए उन्होंने एक स्टील क्रॉकरी बैंक तैयार किया है. इस बैंक में वो स्टील के बर्तन रखती हैं. इन बर्तन को लोग किसी फंक्शन या इवेंट के लिए फ्री में ले सकते हैं.

कैसे हुई शुरुआत
तुलिका बताती हैं कि एक बार वो अपने बच्चों के साथ कहीं से घर वापस आ रही थी. रास्ते में कुछ लोग लोगों को फ्री में खाना खिला रहे थे. तुलिका कहती हैं कि वो लोग फ्री में खाना खिलाकर अच्छा काम तो कर रहे थे लेकिन उनकी वजह से रोड पर चारों तरफ प्लास्टिक की प्लेट और चम्मच बिखरे हुए थे. मेरे बच्चों ने मुझसे पूछा कि ये तो एनवायरनमेंट के लिए बहुत खतरनाक है इसका कोई हल नहीं है. तुलिका कहती हैं कि उस वक्त उनके पास बच्चों के सवाल का जवाब नहीं था लेकिन उनके मन में ये बात बैठ गई और फिर वो डिस्पोजेबल का सलूशन ढूंढने में लग गई इस तरह उन्हें एक दिन ये आइडिया आया.

लोगों ने लिया हाथोंहाथ
तुलिका बताती हैं कि उनके इस आइडिया को लोगों ने हाथों-हाथ लिया. अब कई लोग अपने घर के छोटे बड़े फंक्शन जैसे बर्थडे या किटी पार्टी के लिए उनसे कांटेक्ट करते हैं. कई सारी संस्थाएं और आरडब्लूए भी अपने छोटे-मोटे इवेंट के लिए तुलिका से बर्तन ले जाते हैं. तुलिका कहती हैं कि अब तो विदेशों से उन्हें फोन आता है कि लोग किस तरह से वहां शुरुआत कर सकते हैं. तुलिका की देखा देखी अब तक फरीदाबाद में ही 10 से ज्यादा स्टील क्रॉकरी बैंक शुरू हो चुके हैं.
 

छोटी जगह और छोटी रकम से कर सकते हैं शुरू
तुलिका कहती हैं कि लोगों को लगता है कि इन बर्तनों को रखने के लिए बहुत जगह चाहिए होगी, बर्तन खरीदने के लिए बहुत पैसे चाहिए होंगे लेकिन ऐसा नहीं है, तुलिका बताती है कि वो घर के एक छोटे से कोने में ही सारे बर्तन को आराम से रख लेती हैं.  उन्होंने 50 प्लेट 50 चम्मच 50 थाली और 50 ग्लास से शुरुवात की थी. इसके लिए उन्हे सिर्फ 12-13 हज़ार रुपए ही इन्वेस्ट करने पड़े थे. मतलब कोई भी आसानी से स्टील क्रॉकरी बैंक की शुरुवात आसानी से कर सकता है.

5 लाख डिस्पोजेबल प्लास्टिक को लैंडफिल साइट तक जाने से रोका
तुलिका बताती हैं कि उन्होंने 2018 में इसकी शुरुआत की थी. तब से अब तक उनका दावा है कि वह 5 लाख डिस्पोजेबल प्लास्टिक को लैंडफिल साइट तक जाने से रोक चुकी हैं. तूलिका कहती हैं कि वह चाहती हैं कि बड़ी-बड़ी संस्थाएं और लगभग सभी आरडब्लूए इस तरह के स्टील क्रोकरी बैंक बनाएं ताकि हम पर्यावरण को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका ठीक से निभा पाएं.
 

 

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