अहमदाबाद की सड़कों पर पानी की तरह दौड़ती एक रेसिंग कार आजकल लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रही है. देश-विदेश में होने वाली फार्मूला रेसिंग कार जैसी गो कार्ट मॉडल की कार अहमदाबाद के दो इंजीनियर दोस्तों द्वारा बनाई गई है. इस रेसिंग कार की खासियत है कि, यह पेट्रोल नहीं बल्कि बैटरी से चलती है.
90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ती है
देश-विदेश में होने वाली फ़ॉर्म्युला रेसिंग में सामान्य तौर पर पेट्रोल से चलने वाली कारों का इस्तेमाल होता है, पर अहमदाबाद के दो इंजीनियर दोस्त आदित्य वैद्य और मयंक सोनी ने 2 महीने की मेहनत से गो कार्ट मॉडल की रेसिंग कार तैयार की है. यह रेसिंग कार इलेक्ट्रिक रेसिंग कार है. फिलहाल यह रेसिंग कार 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती है, पर रेसिंग ट्रैक पर इस गो कार्ट EV मॉडल की कार की स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटे निर्धारित की गई है.
पेट्रोल कार से सस्ती
इस इलेक्ट्रिक गो कार्ट मॉडल की रेसिंग कार की सफलता के बाद ये कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले दिनों में रेसिंग कंपटीशन में इलेक्ट्रिक कार दिखाई दे सकती है. सामान्य तौर पर रेसिंग कारों की कीमत करोड़ों में होती है पर एंट्री लेवल की गो कार्ट रेसिंग में पेट्रोल कार की कीमत 2 लाख रुपए तक की होती है. अहमदाबाद के दोनों इंजीनियरों ने बनाई हुई गो कार्ट रेसिंग कार की कीमत 1.60 लाख के करीब है. जो पेट्रोल कार से सस्ती है, और पेट्रोल का खर्च भी बचाती है. गो कार्ट रेसिंग कार बनाने वाले मयंक ने कहा, यह गो कार्ट मॉडल है. जो रेसिंग लेवल में एंट्री कार के तौर पर पहचानी जाती है. हमने गो कार्ट मॉडल को इलेक्ट्रिक मॉडल कार में कन्वर्ट करके बनाया है.
EV रेसिंग कार युवाओं के लिए बनेगी विकल्प
मयंक ने कहा, इलेक्ट्रिक रेसिंग कार होने की वजह से इसमें आवाज नहीं है. जो युवा रेसिंग में जाना चाहते हैं, उनके लिए इलेक्ट्रिक रेसिंग कार बनाई है. युवाओं को शुरुआती लेवल में EV रेसिंग कार देने का प्रयास है. जिससे रेसिंग वर्ल्ड में युवाओं की एंट्री आसानी से हो सके और वो बेहतर प्रदर्शन कर सके. इस गो कार्ट मॉडल में अभी 90 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड लिमिट तय की गई है. रेसिंग ट्रैक पर यह EV कार 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है.
2 घंटे में चार्जिंग के बाद 100 किलोमीटर तक चलती है
बता दें कि इस EV कार में लगाई हुई बैटरी मात्र 2 घंटे में चार्ज होती है और फुल चार्ज होने के बाद 100 से 120 किलोमीटर तक चलती है. रेसिंग कार में F1, F2, F3, F4, F5, स्टूडेंट फार्मूला और गो कार्ट इस प्रकार से रेसिंग कार का क्लासिफिकेशन होता है. मयंक ने कहा, अब गो कार्ट मॉडल के बाद हम स्टूडेंट फार्मूला पर काम करना चाहते हैं. बहुत सारे स्टूडेंट हमारे साथ जुड़े हैं, जो इसकी डिमांड कर रहे हैं और कहते है कि उन्हें स्टूडेंट फार्मूला की टेक्नोलॉजी वाली कार प्रोवाइड की जाए. जिससे वो नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर रेस में टक्कर दे सकें.
(अतुल तिवारी की रिपोर्ट)