अमेरिका में रहने वाले दो भारतीय युवाओं ने एक खास मोबाइल एप्लिकेशन बनाई है- Indic Roots. यह एक गेमिंग एप है जो गेम के जरिए हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत और अनसुने योद्धाओं के बारे जानकारी देती है. बिहार से ताल्लुक रखने वाले कृतार्थ युधिश और सुधांशु शेखर अमेरिका में जॉब करते हैं.
इस गेमिंग एप्लीकेशन के ज़रिए बच्चे देश की सांस्कृतिक विरासत और देश के उन महान योद्धाओं के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं जिनका इतिहास में ज़्यादा ज़िक्र नहीं हुआ या फिर जिनके बारे में ज्यादा लोगों को नहीं पता है. इस एप में बच्चों को ABCD भी अनोखे ढंग से बतायी जाती हैं. यहां A से Apple नहीं बल्कि ए से अर्जुन है.
कैसे काम करती है एप
कृतार्थ ने बताया कि इस गेमिंग एप में नौ तरह की कैटेगरी हैं. हर कैटेगरी से अलग-अलग तरह की जानकारी मिलती हैं. जैसे ABCD अलग ढंग से सिखाते हैं. एक किताब भी इसी आधार पर तैयार की गई है. इस एप को हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है.
एप की पहली कैटेगरी में इंडियन हीरोज़ के बारे में बताया जाता है. दूसरी कैटेगरी में भारतीय त्योहारों के बारे में, तीसरी कैटेगरी में भारतीय मंदिरों के बारे में और वैसे ही अलग-अलग कैटेगरीज़ में भारतीय कैलेंडर, भारतीय डांस, विष्णु के अवतार, युग, योग और भूले-बिसरे आविष्कारकों के बारे में बताया जाता है.
प्राचीन भारतीय आविष्कारकों पर जोर
इस एप में Forgotten Inventors' की कैटेगरी बेहद ख़ास है. इस कैटेगरी में बताया गया है कि दुनिया भर में जो विज्ञान-गणित या मेडिकल साइंस के क्षेत्र के सिद्धांत विदेशी आविष्कारकों के नाम पर दर्ज हैं, दरअसल भारत के ऋषि मुनि और दूसरे लोग उन्हें यहां पहले ही ईजाद कर चुके थे.
दिलचस्प बात यह है कि एप में जो भी जानकारी दी जा रही है वह प्रमाणिक यानी ऑथेंटिक है. यह सभी जानकारी डॉक्यूमेंटेड है और इन बातों का जिक्र भारत और विदेशी डॉक्युमेंट्स या किताबों में मिलता है.
बच्चों से प्रेरित होकर बनाई एप
सुधांशु बताते हैं कि इस एप को बनाने की पीछे की सबसे बड़ी वजह यह थी कि उनके ख़ुद के दो बच्चे हैं और उन दोनों बच्चों को देश की सांस्कृतिक विरासत और उनके योद्धाओं के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल रही थी. तब उन्होंने यह करने का फैसला किया. अभी यह एप 3-7 साल तक बच्चों के लिए बनाई गई है. लेकिन जल्द ही दोनों युवाओं के लिए महाराणा प्रताप पर आधारित एक गेमिंग ऐप भी लेकर आ रहे हैं.
सुधांशु कहते हैं कि हम अपने इस एप को भारत के हर बच्चे तक पहुंचाना चाहते हैं और उसके लिए बहुत सारे लोगों से मीटिंग कर रहे हैं. मंदिर में जाकर लोगों से बात कर रहे हैं. इंग्लिश मीडियम स्कूल के इस दौर में यह एप्लीकेशन छोटे बच्चों के लिए और यहां तक की बड़ों लिए भी बेहद कारगर साबित हो सकती है. कृतार्थ और सुधांशु अब इस एप को देश के हर बच्चे तक पहुंचाना चाहते हैं ताकि हर कोई महान भारत की महान संस्कृति और शौर्य को जान पाए.