दिल्ली में लोगों ने दिन में दिल खोलकर होली खेली, लेकिन रात में ओवरस्पीड या ड्रिंक एंड ड्राइव की वजह से हुए हादसों ने रंग में भंग डाल दिया. दिल्ली के बसंत विहार मलाई मंदिर के पास एक तेज रफ्तार थार ने कई लोगों को कुचल दिया. लेकिन ऐसे हादसों को रोकने के लिए और नशे वाली रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए मध्य प्रदेश पुलिस ने खास अभियान चलाया है. इस स्पेशल अभियान का नाम है कैटवॉक.
क्या है कैटवॉक अभियान
भोपाल पुलिस बढ़ते सड़क हादसों को रोकने के लिए अब नशे में धुत लोगों को कैटवॉक कराएगी. यानी अगर आप भोपाल की सड़कों पर ड्रिंक एंड ड्राइव करते पकड़े गए तो आपको सड़क पर कैटवॉक टेस्ट देना होगा. दरअसल, ये कैटवॉक एक स्ट्रेट लाइन टेस्ट है. जिसमें शराब के नशे में धुत वाहन चालकों को सीधा चलना होगा.
फील्ड सोब्रिटी टेस्ट से पता लगाएगी पुलिस
कैटवॉक टेस्ट के लिए पुलिस ने सड़क पर सफेद रंग की दस फीट लंबी लकीर खींची है. संदिग्ध को इस लाइन पर कम से कम 9 कदम सीधे चलकर दिखाने हैं. अगर इस दौरान किसी का पैर डगमगाए तो वहां मौजूद पुलिस पहले उसे ब्रीथ एनालाइजर से चेक करेगी फिर मेडिकल टेस्ट के लिए अस्पताल भेजा जाएगा. इस टेस्ट को फील्ड सोब्रिटी टेस्ट नाम दिया गया है.
पुलिस ने पहली बार अपनाया ये तरीका
ये पहली बार है जब शराबियों को पकड़ने के लिए पुलिस लोगों पर फील्ड सोब्रिटी टेस्ट कर रही है. पुलिस का दावा है कि फील्ड सोब्रिटी टेस्ट के जरिये नशे में गाड़ी चलाने वाले ड्राइवरों को पकड़ना आसान हो गया है.
शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ मध्य प्रदेश प्रशासन एक्शन में है, जो भी लोग ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में पकड़े जा रहे हैं. उनका ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड करने की प्रक्रिया भी जारी है. अगर निलंबन अवधि पूरी होने से पहले वाहन चलाते पकड़े गए तो चालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. दोबारा ऐसा होने पर 15 हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है.
लोगों की जान बचाना है मकसद
शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ इस मुहिम की शुरुआत एक अप्रैल से शुरू की गई. दरअसल इस अनूठे अंदाज में अभियान को चलाने का मकसद अपनी और दूसरों की जान को जोखिम में डालने से बचाना है. गाड़ी चलाते वक्त ध्यान रखने की जरूरत है कि दूसरे लोग भी सड़क पर चल रहे हैं. ड्रिंक करके गाड़ी चलाने से न सिर्फ आपको बल्कि रास्ते में चल रहे दूसरे वाहनों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.
भारत में तेजी से हो रहे हैं हादसे
दुनिया में वाहनों की कुल संख्या का महज 3 प्रतिशत हिस्सा भारत में है, लेकिन देश में होने वाले सड़क हादसों और इनमें जान गंवाने वालों के मामले में भारत की हिस्सेदारी करीब 12 प्रतिशत है. ट्रांसपोर्ट रिसर्च विंग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 67 प्रतिशत हादसे ओवर स्पीड यानी तेज गति से चलने वाले वाहनों की वजह से होते हैं और 15 प्रतिशत से ज्यादा मामले हिट एंड रन के तौर पर दर्ज किए जाते हैं. इसके साथ ही करीब 26 प्रतिशत हादसे लापरवाही से वाहन चलाने या ओवरटेकिंग की वजह से होते हैं.
सड़क परिवहन मंत्रालय के आंकड़ों को देखें तो साल 2021 में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की वजह से करीब 3 हजार 314 लोगों की मौत हुई. जबकि साल 2020 यानी कोरोना काल जब आधे से ज्यादा वाहन लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर नहीं निकले, तब करीब 3 हजार 322 लोगों की शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की वजह मौत हुई.
वहीं साल 2019 में ये आंकड़े 5 हजार से पार थे. शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की वजह 5 हजार 325 लोगों ने अपनी जान गंवाई. साल 2018 में ये ग्राफ थोड़ा नीचे देखने के लिए मिलता है... ड्रंक एंड ड्राइव की वजह से 4 हजार 188 लोगों की मौत हुई. वहीं साल 2017 की बात करें तो करीब 4 हजार 776 लोगों ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की वजह से जान गंवाई.
तमाम कानूनों के बाद भी हो रहे हैं हादसे
ये आंकड़े तब है जब देश में ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले यानी शराब पीकर गाड़ी चलाने पर मोटर व्हीकल एक्ट सेक्शन 185 के तहत जुर्माना और सजा हो तय है. अगर आप नशे में ड्राइव करते हुए पकड़े जाते हैं तो इसमें 6 महीने तक की सजा और 2 हजार से 10 हजार रुपये तक का जुर्माना हो सकता है या फिर सजा और जुर्माना दोनों भी लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा अगर आप दूसरी बार शराब पीकर गाड़ी चलाने पर पकड़े जाते हैं तो 2 साल तक की सजा हो सकती है. शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर शिवराज सरकार एक्शन में है. हाल ही में शिवराज कैबिनेट ने सड़क हादसों को रोकने के लिए सजा बढ़ाई है.
एमपी में कुछ यूं है सजा का प्रावधान
मध्य प्रदेश में तीन तरह की सजा का प्रावधान रखा गया है. शराब पीकर वाहन चलाते हुए पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित कर दिया जाएगा. दूसरी बार पकड़े जाने पर दो साल के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का निलंबन होगा और तीसरी बार में आजीवन गाड़ी चलाने का अधिकार छिन जाएगा. यानी अब शराब पीकर पकड़े जाने वाले लोगों के लाइसेंस निलंबित भी हो सकते हैं.