पुलिस की गिरफ्त में आया ये व्यक्ति खुद को कभी मध्यप्रदेश पुलिस का आरक्षक, तो कभी एसआई और डीएसपी बताने वाले ठग विशाल उर्फ लखन है. आरोपी के खिलाफ उज्जैन, शाजापुर और नीमच के थानों में धोखाधड़ी की 14 शिकायतें दर्ज हुई थीं. विशाल अपनी वर्दी का रौब दिखाते हुए पीड़ितों से प्लाट-मकान दिलवाने और नौकरी लगवाने के नाम पर 34 लाख 17 हजार रुपए से ज्यादा की ठगी कर चुका है. ठगी की रकम से विशाल ने अपना 11 लाख रुपए का लोन भी चुकाया और महंगे शौक पूरे करने लगा.
इतना ही नहीं आरोपी ने इंस्टाग्राम पर पुलिस की वर्दी में राइफल के साथ अपना फोटो डाल रखा था, जो उसने उसी के पुलिस दोस्त की मदद से खिंचवाया था, उसी का रौब दिखाकर वो लोगों को झांसा देकर ठगी की वारदात को अंजाम देता था.
होमगार्ड में अस्थाई तौर पर 4 माह काम किया था
विशाल ने 2016 के सिंहस्थ के समय होमगार्ड में अस्थाई तौर पर 4 माह काम किया था. इसी दौरान पुलिस वालों के तौर-तरीके सीखे और कुछ अफसरों से पहचान कर ली. पुलिस बनने के शौक में उसने पुलिस परीक्षा भी दी, लेकिन वो उसमें सफल नहीं हो सका. सिंहस्थ के बाद जब नौकरी नहीं रही, तो खुद को पुलिस वाला बताने लगा. ज्यादातर समय वो वर्दी में ही रहता था. वो कभी खुद को एसआई, कभी डीएसपी, तो कभी पीएचक्यू में तैनात अधिकारी बताता था. एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि विशाल उर्फ लखन मूलतः जगोटी गांव का रहने वाला है.
अभी देवास में निवासरत है. पिछले डेढ़-दो साल में विशाल द्वारा 14 लोगों से 34 लाख 17 हजार रुपए की ठगी की जानकारी सामने आई है. पुलिस सभी पीड़ितों की जानकारी जुटा रही है. पुलिस के अनुसार आरोपी ने शाजापुर के फोटो स्टूडियो से नकली पुलिस आईडी बनवाकर कहीं से वर्दी खरीदी. उसके बाद अपने एक पुलिसकर्मी मित्र की राइफल लेकर फोटो खिंचवाया. इसके बाद सोशल मीडिया पर फोटो अपलोड कर लोगों को प्रलोभन देकर ठगी की घटना को अंजाम देने लगा. आरोपी को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया जा रहा है.
34 लाख रुपए ऐंठ लिए
उज्जैन के एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया, “जगोटी गांव का विशाल उर्फ लखन 28 साल का है, इसको गिरफ्तार किया गया है. ये देवास का रहने वाला है. इसने शाजापुर से एक फोटो स्टूडियो से एक फर्जी पुलिस का आईडी कार्ड बनवाया, एक फर्जी वर्दी अख्तैयार की और उसके बेसिस पर उसने पिछले डेढ़ साल में करीब 14 लोगों से 34 लाख 17 हजार रुपए बेवकूफ बनाकर उनको एक्सपोर्ट किया. अपने इंस्टाग्राम आईडी पर फोटो दिखाकर ये अपनी वर्दी का रौब दिखाता था. इसने ऐसे न जाने कितने लोगों से 34 लाख रुपए ऐंठ लिए हैं.”
लोन पूरा करने के लिए पैसे इस्तेमाल किए
प्रदीप शर्मा बताते हैं, “जो विशाल ने अपने रोजमर्रा के खर्च और एक लोन को पूरा करने में पैसे इस्तेमाल किए तो उसकी जानकारी ली जा रही है. सभी 14 लोगों को पहचान करके उनको तलब किया जा रहा है. इसने जिनके साथ धोखाधड़ी की है, उन सभी आवेदनों पर वैधनिक कार्रवाई की जाएगी. ऐसी जानकारी मुझे लगी है कि इसने अपने कुछ मित्रों के साथ बहुत पहले पुलिस की परीक्षा देने का प्रयास किया था, परंतु यह सफल नहीं हो पाया और बाद में जो इसके मित्र सफल हो गए, उनको इसने ये बताया कि अगली परीक्षा में यह सफल हो गया. तब से ये पुलिस की नौकरी में है और इसी बेसिस पर इसने अपने एक मित्र की, जो वास्तविकता में पुलिस में है, उसकी इंसास के साथ फोटो खिंचवाई और उसे फोटो को इंस्टाग्राम पर अपलोड किया और लोगों को यह विश्वास दिलाया कि मैं पुलिस में हूं.”
(संदीप कुलश्रेष्ठ की रिपोर्ट)