आमतौर पर हर माता पिता अपने बच्चे की तमाम छोटी -मोटी हरकतों को लेकर उत्सुक रहते हैं. बेबीज की प्यारी-प्यारी हरकतों को देखकर मां बाप के चेहरे पर मुस्कान भी आ जाती है. ऐसे में आप सब ने एक बात जरूर गौर की होगी कि न्यू बॉर्न बेबी किसी एक चीज को लगातार देखता रहता है. कई बार शिशु की इस आदत से मां बाप परेशान भी होते हैं. इस आर्टिकल में हम इसी बात पर बात करने वाले हैं कि बच्चे आखिर किसी एक चीज या इंसान को क्यों घूरते हैं.
कुछ ऐसे काम करता है बच्चों का विजन
नवजात शिशु की आखें रोशनी को लेकर संवेदनशील होता हैं. शिशु की आंखों की पुतली का साइज तेज रोशनी पड़ने पर सिकुड़ जाता है. शिशु को दूर से ज्यादा साफ पास की चीजें दिखती हैं क्योंकि उसका सेंट्रल विजन अभी भी विकसित हो रहा होता है. शिशु के वीजन को पूरी तरह से विकसित होने में 6 महीने का वक्त लगता है.
इसलिए घूरता है बेबी
शिशु का विजन पूरी तरह से विकसित नहीं होने की वजह से, वो चमकदार चीजों, हिलती हुई या रंगों वाली चीजों से ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं. यही वजह है कि बच्चे रंग-बिरंगी चीजों या घूमते हुए पंखे को देखते हैं.
बेबी की आई डेवलपमेंट
जब बच्चा 6 या 8 हफ्ते का होता है तब उसका वीजन थोड़ा बेहतर होता है. ऐसे समय में बेबी किसी भी तेहरे पर ज्यादा फोकस करते हैं. यानी घूरने की प्राथमिकता निर्जीव चीजों से हटकर लोगों पर चली जाती हैं.
सुंदर चेहरे को ज्यादा घूरता है बेबी
बच्चे कुछ लोगों के चेहरे खूब पसंद करते हैं. या फिर बच्चे कुछ लोगों के साथ खेलना पंसद करते हैं. जिस वजह से बेबी उन्हें घूरता है. या फिर आपकी ज्वेलरी या ग्लास या कोई दूसरी चीज बेबी को दिलचस्प लग सकती है. बेबी को अट्रैक्टिव चेहरे बहुत पसंद होते हैं इसलिए भी वो आपको घूर सकता है.
चीजों को इसलिए घूरता है बच्चा
बच्चों को घूमती हुई चीजें या रंग बिरंगी चीजों काफी पंसद आती हैं. जब बच्चा कोई नई या अलग चीज देखता है, तो उसे वो भी पसंद आती है जिस वजह से वह उसे घूरने लगता है.