Grazing Table Trend: खाने के साथ बातचीत! हर पार्टी और इवेंट की शान बनता जा रहा ग्रेजिंग टेबल, जानिए क्या होता है ये

Grazing Table Trend: ग्रेजिंग टेबल ट्रेंड (Grazing Table Trend) का आजकल काफी चलन है. जिन लोगों को पार्टियों में जाना पसंद है उनको ग्रेजिंग टेबल ट्रेंड के बारे में जरूर पता होगा. ग्रेजिंग टेबल का ट्रेंड साल 2010 में ऑस्ट्रेलिया (Australia) और न्यूजीलैंड (New Zealand) में शुरू हुआ था.

Grazing Table Trend
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:40 PM IST

Grazing Table Trend: इंटरनेट के जमाने में टेक्नोलॉजी से लेकर खान-पान में ट्रेंड तेजी से बदल रहे हैं. सजावट हर चीज को अच्छा बना देती है. क्या आपको पता है खाने में भी अब सजावट शुरू हो गई है?

आजकल पार्टी, इवेंट्स और सामूहिक समारोह में खाने के साथ-साथ खाने की स्टाइलिंग पर ज्यादा ध्यान दिया जाने लगा है. खाने की स्टाइलिंग के इस ट्रेंड को ग्रेजिंग टेबल (Grazing Table )कहा जाता है.

जिन लोगों को पार्टियों में जाना या पार्टी को होस्ट करना पसंद हैं उनको ग्रेजिंग टेबल के बारे में जरूर पता होगा. ग्रेजिंग टेबल में एक साथ कई लोग बैठकर खाना खाते हैं और साथ में बातें करते हैं.

ग्रेजिंग टेबल पर तरह-तरह के पकवान होते हैं जिसे लोग खुद अपने लिए परोसते हैं. आइए जानते हैं ये ग्रेजिंग टेबल क्या होती है और इसका ट्रेंड इतना क्यों बढ़ रहा है.

क्या है ग्रेजिंग टेबल?
ग्रेजिंग टेबल पार्टी और सामूहिक समारोह में खास तरीके से तैयार की जाती है. इसमें तरह-तरह के व्यंजन, मिठाई, फ्रूट्स और सलाद समेत कई और चीजें होती हैं. इन सभी फूड्स से सजी टेबल को ही ग्रेजिंग टेबल कहा जाता है.

ग्रेजिंग टेबल पर खाने के बेहद अच्छे तरीके से सजाया जाता है. इससे खाने का मजा और भी बढ़ जाता है. आजकल शादियों और बड्डे पार्टी से लेकर बेबी शॉवर तक हर जगह ग्रेजिंग टेबल का चलन बढ़ा है.

ग्रेजिंग टेबल पर कई तरह के खाने का बुफे लगा होता है. टेबल के चारों तरफ मेहमान बैठते हैं और अपने लिए खाने को खुद ही परोसते हैं.

ग्रेजिंग टेबल की सबसे अच्छी बात ये होती है कि यहां सभी के लिए कुछ न कुछ रहता है. अगर कोई वीगन है तो उसके लिए भी खाने को कुछ ना कुछ रहेगा.

खाने के साथ बातचीत
ग्रेजिंग टेबल को अलग-अलग थीम के हिसाब से सजाया जाता है. ग्रेजिंग टेबल का मकसद है लोगों के बीच बातचीत. लोग टेबल के चारों तरफ बैठकर खाने के साथ खूब सारी बातें करते हैं. इससे लोगों से मिलना-जुलना भी हो जाता है. ग्रेजिंग टेबल में खाना और बातचीत दोनों होती है. इससे समय की काफी बचत होती है.

कैसे शुरू हुआ ये ट्रेंड?
ग्रेजिंग टेबल नाम में तो काफी फैंसी और नया है लेकिन ये परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है. भारत में काफी समय तक परिवार के लोग एक साथ बैठकर खाना खाया करते थे. आज भी गांवों में लोग फर्श में बैठकर खाना खाते हैं. इसके अलावा कोई सामूहिक भोज होता है तो उसमें सैकड़ों लोग एक साथ बैठकर खाना खाते हैं.

ग्रेजिंग टेबल ट्रेंड साल 2010 के आखिर में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में काफी पॉपुलर होने लगा. ये चलन जल्दी ही यूके, यूएस समेत कई देशों में फैल गया. अब ग्रेजिंग टेबल का ट्रेंड भारत में शुरू हो गया. कई फिल्मी इंटरव्यू ग्रेजिंग टेबल के जरिए होते हैं. इसमें फिल्मी स्टार्स से खाने के साथ बातें करते हैं.

क्यों हो रहा पॉपुलर?
यदि आप स्नैपचैट, इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर ट्रेंड्स पर नजर बनाए रखते हैं तो आपको ग्रेजिंग टेबल के ट्रेंड के बारे में पता होगा. आजकल हर बड़े-छोटे प्रोग्राम में ग्रेजिंग टेबल का इस्तेमाल किया जाता है. कई फूड वेबसाइट ग्रेजिंग टेबल का ऑप्शन दे रहे हैं.

ग्रेजिंग टेबल को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है. ग्रेजिंट टेबल देखने में बेहद शानदार लगती है. ग्रेजिंग टेबल में खाने की भी कोई कम नहीं होती है. इस वजह से ग्रेजिंग टेबल का मार्केट काफी बढ़ा है. 

बुफे और ग्रेजिंग टेबल
बुफे और ग्रेजिंग टेबल लगभग एक-जैसे होते हैं लेकिन दोनों में बारीक-सा अंतर होता है. बुफे किसी प्रोग्राम में होता है. बुफे में कार्यक्रम के बाद ही लोग खाना खाते हैं. वहीं ग्रेजिंग टेबल में कार्यक्रम के साथ-साथ खाना चलता रहता है.

बुफे खाने का एक औपचारिक तरीका है. वहीं ग्रेजिंग टेबल भोज का अनौपचारिक तरीका है. बुफे ज्यादातर शादी और बड़े इवेंट में होता है जबकि ग्रेजिंग टेबल हाउस पार्टी, छोटे इवेंट और बेबी शॉवर में इस्तेमाल होता है.

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