Santa Claus की फोटो कोई भी दूर से देखकर ही पहचान सकता है: एक हंसमुख, दाढ़ी वाला व्यक्ति, जिसने सफेद फर से सजी लाल पोशाक, चौड़ी बेल्ट और चमकते काले जूते पहने हैं. लेकिन क्या Santa Claus की ड्रेस हमेशा से लाल और सफेद ही थी? दरअसल, Santa की पोशाक का इतिहास उतना ही रंगीन और दिलचस्प है जितना कि वह खुद हैं.
Santa Claus की उत्पत्ति
Santa Claus की पोशाक की बात करने से पहले, उनकी उत्पत्ति को समझना जरूरी है. मॉडर्न Santa Claus की प्रेरणा 4वीं सदी के ईसाई बिशप संत निकोलस से ली गई है, जो मायरा (आधुनिक तुर्की) के निवासी थे. अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध, संत निकोलस को अक्सर बिशप के कपड़ों में दिखाया जाता था- जो आमतौर पर सुनहरे, हरे या भूरे रंग के होते थे.
सदियों के दौरान, संत निकोलस की छवि स्थानीय परंपराओं से जुड़ गई. यूरोप में, नीदरलैंड के "सिंटरक्लास" और इंग्लैंड के "फादर क्रिसमस" जैसे कैरेक्टर गिफ्ट देने की इस परंपरा को आगे बढ़ाते रहे. इन शुरुआती Santa को अक्सर हरे रंग के लंबे कपड़ों में दिखाया जाता था, उस समय के कलाकारों के पास उपलब्ध कपड़ों का प्रतीक थे.
अमेरिका में Santa Claus कब आए?
मॉडर्न Santa Claus में बदलाव 19वीं सदी की शुरुआत में अमेरिका में हुआ. एक जरूरी पल 1823 में आया, जब क्लेमेंट क्लार्क मूर की कविता ए विज़िट फ्रॉम सेंट निकोलस ('ट्वाज़ द नाइट बिफोर क्रिसमस) प्रकाशित हुई. मूर के Santa को एक हंसमुख बूढ़े योगी जैसे व्यक्ति के रूप में दिखाया गया. इनकी चमकती आंखें थीं, खुशमिजाज व्यक्तित्व था. लेकिन इनकी कोई निश्चित पोशाक नहीं थी. उस समय के चित्रकारों ने इस खाली जगह को भरा, Santa को अलग-अलग रंगों जैसे नीले, हरे और लाल में चित्रित किया गया.
फिर आए थॉमस नैस्ट, एक जर्मन-अमेरिकी कार्टूनिस्ट, जिन्होंने 1860 और 1870 के दशक में हार्पर्स वीकली के लिए काम किया. थॉमस नैस्ट के Santa गोल-मटोल, दाढ़ी वाले और खुशमिजाज थे, जिन्हें अक्सर फर से सजे लाल कपड़ों में दिखाया गया. हालांकि यह अभी तक पूरी तरह से फाइनल नहीं था, लाल रंग धीरे-धीरे Santa का अपना रंग बन गया.
लाल Santa Claus ही क्यों?
अब सवाल यह उठता है: लाल क्यों? Santa Claus की पोशाक में लाल रंग के चयन के पीछे व्यावहारिक, सांस्कृतिक और प्रतीकात्मक कारण हैं. ईसाई कला में लाल रंग संत निकोलस से जुड़ा रहा है, जो प्रेम, बलिदान और उदारता का प्रतीक है. इसके साथ ही, लाल रंग चित्रों और विज्ञापनों में साफ तौर रूप से दिखता है, जिससे यह कलाकारों के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बन गया. 19वीं सदी के आखिर तक, चमकीले लाल Santa Claus काफी पॉपुलर बन गए.
कोका-कोला का योगदान
कहा जाता है कि Santa Claus के लाल और सफेद लुक के लिए सबसे बड़ा मौका 1931 में आया, जब कोका-कोला ने इसे अपनाया. सर्दियों के दौरान अपनी सोडा बिक्री को बढ़ाने के लिए, कोका-कोला ने हेडन सन्डब्लोम नामक चित्रकार को Santa Claus को चित्रित करने के लिए कहा. सन्डब्लोम के Santa ने मार्केटिंग का जादू बिखेरा. उन्होंने सांता को एक खुशमिजाज, गोल-मटोल व्यक्ति के रूप में चित्रित किया, जो चमकीले लाल रंग की सफेद फर से सजी पोशाक, काली बेल्ट और मजबूत जूतों में दिखते थे. यह Santa न तो योगी जैसे थे और न ही गंभीर बिशप- यह काफी फ्रेंडली और लोगों से जुड़ा हुआ किरदार था.
विज्ञापन बड़े प्रकाशनों में प्रकाशित हुए और बेहद लोकप्रिय हो गए. 1940 के दशक तक, सन्डब्लोम के बनाए Santa "असली Santa Claus" के रूप में पॉपुलर हो गए.
धीरे-धीरे लाल और सफेद रंग के Santa Claus संस्कृतियों और भाषाओं से परे दुनियाभर में पॉपुलर हो गए. यही कारण है कि आज, पश्चिमी देशों के अलावा, जापान, भारत और चीन जैसे स्थानों में भी क्रिसमस बनाया जाता है.