मंगलसूत्र को किसी भी औरत के सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है. इसलिए शादी के वक्त हर दुल्हन को मंगलसूत्र पहनाया जाता है. इसके साथ ही हिंदू धर्म में भी मंगलसूत्र को एक खास जगह दी गई है. मंगलसूत्र शादीशुदा महिलाओं की 5 चीजों में से एक है. जिसमें पैर की अंगुली के छल्ले, कुमकुम, चूड़ियाँ और एक नाक की अंगूठी शामिल हैं. आईये जानते हैं हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए मंगलसूत्र की खासियत के बारे में
वैवाहिक जीवन में मंगलसूत्र का महत्व
मंगल सूत्र सोलह श्रृगांर का हिस्सा होता है. मंगल का मतलब होता है पवित्र और सूत्र का मतलब होता है धागा. यानी मंगल सूत्र एक पवित्र धागा है. ऐसा माना जाता है कि जब एक महिला मंगलसूत्र पहनती है, तो वह अपने विवाहित जीवन को बाकी सभी लोगों से बचाती है. मंगल सूत्र पति और पत्नी को जोड़कर रखने का एक जरिया है और इससे पति पर किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आती.
मंगलसूत्र में काले मोती
मंगल सूत्र के काले मोती को बेहद खास माना गया है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक ऐसा माना जाता है कि यह भगवान शिव और उनकी पत्नी पार्वती के बीच एक बंधन का प्रतीक है और मंगलसूत्र में सोना देवी पार्वती का प्रतीक है और काले मोती भगवान शिव का प्रतीक हैं.
9 मोती यानी कि ऊर्जा के 9 रूप
आपने गौर किया होगा कि मंगलसूत्र में 9 मोती होते हैं. यह 9 मोती ऊर्जा के 9 अलग-अलग रूपों का प्रतिनिधित्व करते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये एनर्जी पत्नी और पति को किसी भी बुरी ऊर्जा से बचाती हैं.
मंगलसूत्र पहनने के फायदे
माना जाता है कि मंगलसूत्र में दैवीय शक्तियां होती हैं. सोना और काली मोतियां पति-पत्नी को किसी भी बुरी शक्ति से बचाती है. ऐसा कहा जाता है कि जब एक महिला हर रोज मंगलसूत्र पहनती है तो वह अपने पति के साथ अपने रिश्ते को हर बुराई से बचाने का काम करती है.
सेहत से इस तरह जुड़ा है मंगलसूत्र
माना जाता है कि मंगलसूत्र पहनने से महिला के शरीर का ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. मंगलसूत्र में काले मोती निगेटिव ऊर्जा को दूर रखते हैं और दर्द और बेचैनी को भी कम करने का काम करते हैं. मंगलसूत्र से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही तरीके से होता है.