महिला ने ट्रेन में दिया जुड़वा बच्चों को जन्म...45 मिनट तक हरदा स्टेशन पर खड़ी रही ट्रेन

जानकारी के अनुसार, झारखंड के बोकारो जिले की रहने वाली पूर्णिमा पति जितेंद्र कुमार (21) मुंबई की ओर जा रही थे. इसी बीच रास्ते में महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. महिला के पति जितेन्द्र ने तत्काल इसकी सूचना रेलवे के 139 पर कॉल किया. जिसके बाद हरदा से मेडिकल टीम डाक्टर नवीन जैन के साथ ट्रेन में पहुंची और महिला की डिलीवरी कराई.

Twins born in Pushpak Express
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:24 PM IST
  • स्टेशन पर 45 मिनट खड़ी रही ट्रेन
  • पति ने 139 पर कॉल कर मांगी मदद

मध्यप्रदेश के हरदा जिले में बुधवार को एक महिला ने ट्रेन में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. महिला अपने पति के साथ पुष्पक एक्सप्रेस (12533) से झांसी से कल्याण जा रही थी. इसी दौरान उसे गाड़ी में प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद हरदा स्टेशन के पास ट्रेन में ही उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. फिलहाल महिला और उसके दोनों बच्चे स्वस्थ हैं, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है.

स्टेशन पर 45 मिनट खड़ी रही ट्रेन
जानकारी के अनुसार, झारखंड के बोकारो जिले की रहने वाली पूर्णिमा पति जितेंद्र कुमार (21) मुंबई की ओर जा रही थे. इसी बीच रास्ते में महिला को प्रसव पीड़ा होने लगी. महिला के पति जितेन्द्र ने तत्काल इसकी सूचना रेलवे के 139 पर कॉल किया. जिसके बाद हरदा से मेडिकल टीम डाक्टर नवीन जैन के साथ ट्रेन में पहुंची और महिला की डिलीवरी कराई. इस दौरान उसने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. प्रसव होने के दौरान ट्रेन हरदा स्टेशन पर करीब 45 मिनट खड़ी रही. प्रसव होने के बाद आरपीएफ के ललित कुमार साहवत और आरक्षक मुकेश राजपूत ने 108 एम्बुलेंस से महिला और उसके नवजात शिशुओं को जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां उन्हें भर्ती किया गया.

पति ने 139 पर कॉल कर मांगी मदद
महिला के पति जितेंद्र ने बताया कि बुधवार सुबह 10 बजे के करीब जैसे ही पुष्पक एक्सप्रेस इटारसी रेलवे स्टेशन से निकली उसके बाद पत्नी पूर्णिमा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. कुछ देर कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन तत्काल याद आया कि 139 पर कॉल करूं. इसके बाद 139 पर कॉल किया और डाक्टर को बताया. महिला को गर्भावस्था का पूरा समय चल रहा था. डाक्टर नवीन जैन का कहना है कि दोनों बच्चों की डिलीवरी सामान्य हो गई और जच्चा बच्चा स्वस्थ हैं.

(हरदा से लोमेश कुमार गौर की रिपोर्ट)

 

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