Good News: मां के चुटकुला सुनाने पर अचानक हंसने लगी 5 साल से कोमा में पड़ी लड़की, किसी को भी नहीं हुआ यकीन

मिशिगन की जेनिफर फ्लेवेलन एक कार हादसे के बाद चार साल 11 महीने के लिए कोमा में चली गई थीं. उसकी मां रोज उससे मिलने और बातें करने अस्पताल आती थी. एक दिन जेनिफर ने रिस्पांस किया और वो उनके चुटकुले पर हंसने लगी.

Jennifer Flewellen
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 06 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:34 PM IST

अमेरिका की रहने वाली एक महिला के साथ ऐसा चमत्कार हुआ जिसके बारे में उसके घरवालों को भी यकीन करना मुश्किल हो रहा है. ये महिला सितंबर 2017 में एक कार दुर्घटना का शिकार हो गई थी. घरवाले उसे अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डॉक्टरों ने बताया कि वह कोमा में जा चुकी है. इसके बाद से ही वो अस्पताल में भर्ती थी. एक उम्मीद के दम पर ही जेनिफर की मां और उसके बच्चे रोज उससे मिलने अस्पताल आते थे और उससे बातें करते थे.

मां को हुई हैरानी
लेकिन एक दिन अचानक जब जेनिफर की मां उससे मिलने अस्पताल आई तो उसने अपनी बेटी को एक चुटकुला सुनाया. चुटकुला सुनकर कोमा में पड़ी जेनिफर जोर जोर से हंसने लगी. ये देखकर उसके घरवालों को भी यकीन नहीं हुआ. जेनिफर का इलाज कर रहे डॉक्टर राल्फ वांग उनकी रिकवरी को दुर्लभ बता रहे हैं. उनका कहना है कि इस तरह अचानक से मुस्कुराना उनके पूरी तरह स्वस्थ होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.

36 साल थी उम्र
UNILAD की रिपोर्ट के अनुसार, 25 सितंबर 2017 को एक भयानक कार हादसे के बाद जेनिफर को अस्पताल ले जाया गया, जहां वह कोमा में चली गईं. तब उनकी उम्र 36 साल थी. People को दिए एक इंटरव्यू में जेनिफर फ्लेवेलन की मां ने कहा,  "जब वह उठी, तो पहले तो मैं डर गई क्योंकि वह हंस रही थी और उसने ऐसा कभी नहीं किया था." लेकिन हमारा सपना सच हुआ. आज वह दिन है जब मैंने कहा था, 'वह दरवाजा जो बंद था, जिसने हमें अलग किया था, खुल गया है. हम वापस आ गए हैं." जेनिफर की मां 5 सालों से उसकी आवाज और एक्टिवनेस को दोबारा वापस लाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं. GoFundMe कैंपेन की मदद से उसके लिए विकलांग वैन और कुछ अन्य चीजें जुटाई जा रही हैं.

1-2 प्रतिशत लोग ही ठीक होते हैं 
जेनिफर की जल्दी सेहत में सुधार के लिए एक अलग से थेरेपी ले रही हैं और उनकी सेहत में सुधार भी हो रहा है. मिशिगन के मैरी फ्री बेड रिहैबिलिटेशन हॉस्पिटल में जेनिफर के डॉ. राल्फ वांग ने कहा, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है. क्योंकि, ऐसा 1-2% मरीजों के साथ ही होता है.

 

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